
Gwalior AQI News: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक होने से जहरीली बनी हुई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 309 पर जा पहुंचा है। हालात यह हैं कि खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। एनजीटी की सख्ती के डेढ़ माह बाद भी अफसर शहर में खराब हवा को सुधारने की दिशा में एक कदम नहीं उठा सके ना ही कचरे का निष्पादन हो सका ना ही शहर की सड़कें डस्ट फ्री हो सकीं। शहर में जगह-जगह कचरा जल रहा है, तो लेफ्ट टर्न खाली नहीं हो सके। ईंट भट्टे और औद्योगिक क्षेत्रों में लगी चिमनियां धुआं उगल रही हैं, लेकिन नगर निगम के अफसर यह सब चुपचाप होता देख रहे हैं।
उगल रहीं धुआं शहरी सीमा में चल रहे ईंट भटटे को तत्काल बंद करने के लिए खनिज विभाग, संबंधित एसडीएम और नगर निगम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हालात यह हैं कि नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साठगांठ से यह संचालित हो रहे हैं। अबतक एक भी अफसर कार्रवाई के लिए एक कदम आगे नहीं बढ़ा सका।
पीडब्ल्यूडी लेफ्ट टर्न फ्री करने के लिए काम करने का दावा कर रहा था, इसके लिए चौराहे से पचास मीटर पहले लेफ्ट टर्न के लिए रोड मार्किंग की बात कही गई थी। कहा गया था कि लेफ्ट टर्न पर अनावश्यक तौर पर खड़े वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यहां पर भी बुरे हालात हैं। क्योंकि शहर में कोई भी लेफ्ट टर्न खाली नहीं कराया जा सका और ना ही मार्किंग की जा सकी।
प्रदूषण को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाने की बात अफसरों ने रखी थी लेकिन सब भूल गए।
अफसरों का दावा था कि पीयूसी की जांच सप्ताह में अभियान चलाकर की जाएगी। पीयूसी सेंटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्मार्ट सिटी ने 31 जंक्शनों पर सिंक्रोनाइज स्थापित करने की बात की थी, लेकिन अभी हालात यह हैं कि धुएं का गुबार छोड़ने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और न ही सिग्नल सिंक्रोनाइज किए जा सके। जगह-जगह सिग्नल खराब मिलते हैं।
सड़कों को डस्ट फ्री करना था। पांच फागर मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। डीजल की कमी से एक ही मशीन से शहर में पानी के छिड़काव का काम लिया जा रहा है। हालात यह हैं कि शहर की प्रमुख सड़कें तक डस्ट फ्री नहीं हो सकीं। सीवर ओवर फ्लो होने से उसकी गंदगी तक सड़क पर जमी हुई है।
सड़कों की एंड टू एंड पेविंग का कार्य किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालात यह है कि सड़क किनारे चल रहे निर्माण कार्य भी ढंककर नहीं कराए जा रहे हैं। एलआईसी तिरहा, सिटी सेंटर पर साठ फुटा रोड आदि पर खुले में काम चल रहा है, इसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है।
खुले में कचरा जलाने वालों पर कार्रवाई होगी, खुली बस्तियों में डस्टबिन स्थापित किया जाएगी व कृषि भूमि में पराली को जलाने से रोकने के लिए कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इनमें से एक भी काम को नगर निगम और प्रशासनिक अफसर नहीं रोक सके। ठंड के मौसम हर गली-मोहल्ले में कचरा जलाया जा रहा है।
शहर में ऐसे उद्योग, जिनके द्वारा सालिड व लिक्विड फ्यूल का उपयोग किया जा रहा है, यहां क्लीन फ्यूल में परिवर्तन के संबंध में डीआइसी से आवश्यक कार्रवाई कराई जानी थी जो नहीं कराई जा सकी।