बलवीर सिंह. नईदुनिया प्रतिनिधि। जम्मू कश्मीर से तेज गति से आ रही बर्फीली हवाओं की वजह से न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर हो गया है। लेकिन गत दिवस की तुलना में सोमवार को ठंड ज्यादा रही। तीव्र शीत लहर चलने से शूल चुभी। पेड़ों की पत्तियों पर बर्फ जम गई। इससे फसलों पर पाला पड़ गया। मौमस विभाग के अनुसार दिन में भी उत्तरी हवा चलने से ठंड कंपाएगी। 1994 के बाद न्यूनतम तापमान इतने नीचे अाया है। हाड़ कंपाने वाली ठंड का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार 21 दिसंबर को भी शीत लहर, पाला वह शीतल दिन रह सकता है। सोमवार को भी शीतल दिन रहने के आसार हैं।
सोमवार को सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से 6.1 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने से हवा शूल सी चुभ रही थी। शरीर के जिस हिस्से पर हवा अहसास हो रहा था, वह सुन्न पड़ रहा था। सुबह साढ़े बजे तक हाड़ कंपाने वाली रही। अासमान साफ होने से सुबह धूप निकली, लेकिन दिन में उत्तरी हवा 2 से 4 किमी प्रतिघंटा की गति से चली, जिससे सुबह साढ़े आठ बजे सूरज की तपिश नहीं बढ़ सकी। ठंड के कारण सुबह घूमने वालों की संख्या घट गई।
ठंड पड़ने के तीन कारण
1- उत्तरा खंड में च्रक्रवात बना हुआ है। इससे हवाओं का रुख उत्तरी दिशा से हो गया है।
2 राजस्थान में प्रति चक्रवात बन गया है। इससे उत्तरी हवाओं की गति तेज हो गई है।
3- चक्रवात व प्रति चक्रवात से उत्तर हवाएं क्षोभ मंडल तक चल रही हैं। ये हवाएं जम्मू कश्मीर से बर्फीली ठंडक खींच रही हैं।
नया पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद ही राहत
मौसम विभाग के अनुसार ठंड से राहत की उम्मीत कम है। नया पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद ही तापमान में बढ़ोतरी होगी और हवा का रुख बदलेगा। 22 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है, जिससे 23 दिसंबर के बाद मौसम में बदलाव दिखेगा।
- अचानक आई ठंड से गर्म कपड़े के बाजार में गर्माहट ला दी। गर्म पेय की खपत भी बढ़ गई है। कड़ाके की ठंड नहीं होने से इन बाजारों में गर्माहट नहीं दिख रही थी।
- हीटर चलने से बिजली की खपत में बढ़ोतरी होने लगी है। आने वाले दिनों में इसमें खपत में बढ़ोतरी हो सकती है।
इनका कहना है
ग्वालियर में शीत लहर, शीतल दिन रहने की संभावना है। शीतल दिन रहने के आसार हैं। उत्तरी हवाएं तेज गति से चल रही हैं, जिसके चलते ठंड बढ़ी है। फिलहाल एक दिन और राहत की उम्मीद नहीं। 27दिसंबर को बारिश के आसार हैं। नए साल में इससे भी ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है।
वेदप्रकाश सिंह, रडार प्रभारी मौसम केंद्र भोपाल