
अमित मिश्रा द्य नईदुनिया ग्वालियर। शहर में सूदखोरों का मकड़जाल अब गरीब युवाओं की जान ले रहा है। 10 से लेकर 40 प्रतिशत तक के ब्याज के गणित में यह सूदखोर जरूरतमंदों को ऐसा उलझाते हैं, वह जीवनभर इस उलझन से बाहर नहीं आ पाता।घर, जमीन, गहने सबकुछ बिक जाता है, लेकिन ब्याज पर ब्याज चलता ही जाता है। सूदखोरी का धंधा फल फूल रहा है, गरीबों की जान ले रहा है, लेकिन सूदखोर बेखौफ हैं।
इसकी वजह है- रसूखदारों का संरक्षण। इसमें माननीय से अधिकारी तक शामिल हैं, जिनकी जी- हुजूरी करते हुए यह सूदखोर आम जनता का जीना मुश्किल कर देते हैं। हाल ही में दो माह में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें एक में हत्या कर दी गई और इससे पहले सूदखोरों की प्रताड़ना से युवक ने जान दे दी। इंसाफ के लिए इनके स्वजन अभी तक भटक रहे हैं।
जनकगंज क्षेत्र में रहने वाले दीपक सविता ने अपने बच्चों की फीस भरने के लिए ऋषभ तोमर और पीयूष लोधी से रुपये उधार लिए थे। 20 हजार रुपये उधार लिए थे। तीन गुना रुपये लौटा चुके थे, इसके बाद भी यह लोग धन मांग रहे थे। यह अब तक फरार हैं। जनकगंज पुलिस दीपक की मौत के तीन दिन बाद भी इन्हें पकड़ नहीं सकी। इसमें आरोपितों के पक्ष में रसूखदार अब भी लगातार सिफारिश कर रहे हैं।
बिना लाइसेंस ब्याज से रुपये देना और वसूली के किसी को प्रताड़ित करना गंभीर अपराध है। मामले में दोषियों को मप्र ऋण संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा चार के तहत ऋण वसूली के लिए उत्पीड़न पर तीन माह की सजा या 500 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। लेकिन सूदखोर कानून की कोई परवाह नहीं करते।
गिर्राज गुर्जर ने सुसाइड नोट में नवल निवासी महाराजपुरा, सिकंदर निवासी रफादपुर, शैलेंद्र निवासी बनवाई, रविंद्र निवासी करैरा, प्रदीप निवासी किरार कालोनी, अभिजीत, सौरभ, राम का नाम लिखा है। पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। रामलखन से ही पुलिस चक्कर लगवा रही है और हर बार सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता है।
गिर्राज की बहन रेणु ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से कराने के लिए थाना प्रभारी अमित शर्मा और एसआइ गुलाब सिंह ने कहा था। हमसे गिर्राज की राइटिंग का सैंपल मांगा। उसकी लिखी डायरी दी, इस पर पुलिस बोली कि स्कूल की कापी लेकर आओ। फिर थाना प्रभारी अमित शर्मा ने कहा कि बड़े अधिकारी जांच कर रहे हैं, वहां जाओ। रामलखन का आरोप है कि जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में है, वह रसूखदार हैं। इसलिए जांच प्रभावित हो रही है।
गिर्राज गुर्जर के स्वजन ने आवेदन दिया है। सुसाइड नोट के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इसकी जांच कराएंगे, मैंने एसपी को जल्द जांच पूरी कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
-अरविंद सक्सेना, आइजी ग्वालियर रेंज।