Tighra Dam Gwalior : ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। वर्ष 1916 में निर्मित तिघरा बांध का रखरखाव ठीक से नहीं हो पाने के कारण उसकी दीवार में दरारें आ गई हैं। हालात यह है कि बांध की दीवार में तीन जगहों पर बड़े छेद हैं जिनसे लगातार पानी बहता रहता है। देखने पर ऐसा लगता है जैसे तिघरा बांध की दीवार से पानी का झरना बह रहा है। इसकी नींव में भी दरारें आ चुकी हैं। यह दरार एक इंच से ज्यादा चौड़ी हैं, जिससे लगातार पानी का रिसाव होता है। पानी के रिसाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आगे कैथा गांव की पुलिया के नीचे से हमेशा नदी बहती रहती है।
सिंधिया रिसायत के समय माधौ महाराज द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ और दुनिया में बेहतरीन इंजीनियर भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया से इस बांध का निर्माण कराया गया था। यह बांध सांक नदी पर बना है । वर्तमान में इस बांध की उम्र 104 साल हो चुकी है। यह बांध जल संसाधन विभाग के अधीन है। इस बांध से विगत कई सालों से पानी बह रहा है, लेकिन धीरे-धीरे पानी की दरारें चौड़ी होती जा रही है। जल संसाधन विभाग ने बांध की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इसके बाद बांध से पानी के लीकेजों को नहीं रोका जा सकता है।
ग्वालियर की जीवन रेखा है तिघरा बांध
ग्वालियर में पेयजल की सप्लाई का एकमात्र स्रोत तिघरा बांध ही है। इस बांध से ही ग्वालियर को प्रतिदिन पानी की सप्लाई की जाती है। अगर तिघरा बांध को क्षति होती है तो ग्वालियर की लगभग 70 प्रतिशत आबादी को पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा।
नहर के पास है लीकेज
तिघरा बांध से ग्वालियर में पानी की सप्लाई के लिए बांध के समय ही नहर का निर्माण किया गया था। इसी नहर से निकलकर पानी शहर में बनी मोतीझील तक आता है। यह सभी लीकेज नहर के पास ही हैं।
तिघरा फैक्ट फाइल
- 1916 में पूर्ण हुआ तिघरा बांध का निर्माण
- माधौ महाराज (माधवराव सिंधिया प्रथम) ने इस बांध का निर्माण कराया था
- तिघरा बांध 24 मीटर ऊंचा और 1341 मीटर लम्बा है।
- 412.24 स्कवायर किलोमीटर है तिघरा बांध का कैचमेंट एरिया
- सांक नदी पर बना है तिघरा बांध, इसके तीन और पहाड़ी हैं।
- बांध को केन्द्रीय जल संसाधन विभाग ने हेरिटेज माना है।
तिघरा के लीकेज ठीक कराने के लिए जल संसाधन विभाग ने टेंडर अपलोड कर दिए हैं। लेकिन अभी शासन से मंजूरी नहीं मिली है। इस बार नई तकनीक से तिघरा बांध के लीकेजों को ठीक किया जाएगा। शंभुदयाल शर्मा, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग