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नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ट्रैफिक पुलिस ने भारतीय समुद्री प्रजापति के 15 कछुओं को पकड़ा है। इन कछुओं को बाइक सवार दो युवक बोरे में भरकर ले जा रहे थे। जैसे ही सामने चेकिंग प्वाइंट दिखा तो बाइक मोड़ी और गलत दिशा में भागने लगे। ट्रैफिक पुलिस के जवान पीछे लग गए। करीब आधा किलोमीटर तक पीछा किया तो पिंटो पार्क चौराहे पर यह बोरा छोड़कर भाग गए। पुलिस ने जब बोरा खोलकर देखा तो इसमें कछुए मिले। पुलिस द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग को यह कछुए सिपुर्द कर दिए गए हैं। अब वन विभाग द्वारा कार्रवाई कर कछुओं को चिड़ियाघर में भेजा जाएगा।
ट्रैफिक प्रभारी अभिषेक रघुवंशी, हवलदार अमित त्रिपाठी और ट्रैफिक पुलिस के अन्य जवान डीडी नगर चौराहे पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान बाइक पर सवार युवक निकले। बीच में बोरा रखा था। बोरा काफी बड़ा था, इसलिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा इन्हें रुकने का इशारा किया गया। इन युवकों ने बाइक मोड़ी और गलत दिशा में ही भागे। फिर डिवाइडर के कट से सड़क के दूसरी तरफ हुए और पिंटो पार्क की तरफ भागने लगे। ट्रैफिक पुलिस के जवान इनके पीछे लगे थे। पिंटो पार्क चौराहे पर यह बोरा छोड़कर भाग गए। जब बोरा खोला तो उसमें कछुए मिले थे।
जब ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने एएसपी अनु बेनीवाल को बताया तो उन्होंने तुरंत डीएफओ अंकित पांडे को सूचित किया। कछुओं को गोला का मंदिर यातायात थाने पर ले जाया गया। डीएफओ अंकित पांडेय का कहना है- पुलिस की ओर से शेड्यूल वन के 15 कछुओं को पकड़ा जाना बताया गया है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत यह प्रतिबंधित है। आइयूसीएन की सूची में शामिल है।
यह प्रतिबंधित प्रजाति के कछुए हैं। कई लोग इसे घर में रखते हैं, मान्यता है कि कछुए को घर में रखना शुभ होता है।
15 कछुओं को ले जा रहे युवक तो भाग निकले। सीसीटीवी कैमरों की मदद से बाइक का नंबर निकाल रहे हैं। इसके बाद बाइक सवारों तक पहुंचेंगे। उन्हें पकड़कर पूछताछ की जाएगी, क्योंकि आशंका है कि यह दोनों कछुए की तस्करी में शामिल होंगे। आखिर प्रतिबंधित कछुए इनके पास कहां से आए। अंतरराज्यीय नेटवर्क भी खुल सकता है। - अनु बेनीवाल, एएसपी।