
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों के लिए आशा छात्रवृत्ति कार्यक्रम 2025 शुरू किया गया है। इस योजना के तहत देशभर के 23 हजार 230 छात्रों को शिक्षा के स्तर के अनुसार 15 हजार रुपये से 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। छात्रवृत्ति का लाभ स्कूली शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा के छात्रों को भी मिलेगा। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इस योजना की जानकारी छात्रों तक व्यापक रूप से पहुंचाएं, ताकि कोई भी जरूरतमंद छात्र आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।
दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ इस योजना को शुरू किया है। यह छात्रवृत्ति योजना भारतीय स्टेट बैंक की प्लेटिनम जुबली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शुरू की गई है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। एसबीआई फाउंडेशन की इस योजना के अंतर्गत कुल 23 हजार 230 विद्यार्थियों को चयनित किया जाएगा, जिनमें से 20 हजार छात्र स्कूल स्तर (कक्षा नौ से 12) के होंगे और तीन हजार 230 विद्यार्थी देश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों के होंगे।
बता दें कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को शिक्षा जारी रखने में सहायता देना है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने की स्थिति में आते हैं। एसबीआई फाउंडेशन ने इस वर्ष लगभग 90 करोड़ रुपये का फंड स्कालरशिप के लिए निर्धारित किया है। छात्र sbiashascholarship.co.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
यूजीसी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इस स्कॉलरशिप के लिए-आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए। पिछली कक्षा में न्यूनतम 75% अंक या 7.0 सीजीपीए अनिवार्य है। स्कूल छात्रों की पारिवारिक वार्षिक आय तीन लाख या उससे कम होनी चाहिए। कॉलेज/विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ने वाले छात्रों की आय सीमा छह लाख रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित की गई है।
यह स्कॉलरशिप कई स्तरों पर दी जाएगी
कक्षा नौ-12 के छात्र।
देश के एनआईआरएफ टॉप 300 या नैक ए रेटेड संस्थानों में पढ़ रहे स्नातक,स्नातकोत्तर और एमबीबीएस छात्र।
आईआईटी और आईआईएम के छात्र।
एससी/एसटी छात्र जो विदेश के टॉप 200 विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री कर रहे हों।
यूजीसी सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे स्कॉलरशिप से संबंधित जानकारी छात्रों और संकाय सदस्यों तक पहुंचाएं।-संस्थान की वेबसाइट, नोटिस बोर्ड, इंटरनेट मीडिया, न्यूजलेटर आदि पर इसे प्रमुखता से प्रकाशित करें।-एसबीआई फाउंडेशन द्वारा भेजी गई स्कालरशिप सामग्री, पोस्टर और क्यूआर कोड को छात्रों में वितरित करें।