नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। साइकिल अब लोगों के सेहत की साथी बनने लगी है। प्रतिदिन सुबह शहर की सड़कों पर साइकिल चलाते लोग दिख जाते हैं। इनमें से अधिकांश लोग अच्छी सेहत के लिए साइकिल दौड़ाते हैं तो कुछ लोग शौक के लिए। शहर में साइकिल का क्रेज इतना अधिक बढ़ गया कि लोगों ने क्लब तक बना लिए। वे रोज कितने किमी साइकिल चलाई, कौन-से रूट पर गए और कितनी कैलोरी खर्च की, इसका पूरा ब्यौरा रखते हैं। एक क्लब में एक हजार तक लोग जुड़े हुए हैं।
90 के दशक में साइकिल हर किसी का सपना हुआ करती थी। धीरे-धीरे बाइक और कारों ने साइकिल का स्थान हासिल कर लिया और साइकिल सिर्फ मेहनतकश लोगों की सवारी रह गई। बाद में साइकिल को छात्र और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सवारी माना जाने लगा। किंतु समय ने फिर करवट बदली और साइकिल अब फिर से अमीर, उच्च मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और सेहत के प्रति जागरूक लोगों की सवारी बन गई है।
राजीव चड्ढा नियमित साइकिल चला रहे हैं। उनका कहना है कि हमारा प्रो बाइकर्स के नाम से साइकिल ग्रुप है। पहले ग्रुप का नाम जीसीआर था। ग्रुप में 1000 लोग सदस्य हैं। करीब 600 लोग नियमित साइकिलिंग करते हैं। ग्रुप वर्ष 2014 से सक्रिय है। सप्ताह में चार दिन 28 से 30 किलोमीटर तक हमारे सदस्य साइकिलिंग करते हैं। चड्ढा का कहना है कि साइकिलिंग से शरीर मजबूत होता है। ह्दय और रक्तचाप संबंधी बीमारियां साइकिलिंग से दूर रहती हैं। उनका कहना है कि शहर में अब कई ग्रुप बन गए हैं।
साइकिलिंग का शौक ज्यादातर पुरुषों में ही देखा जाता है, लेकिन विगत कुछ वर्षों में महिलाओं में भी इसका जूनून बढ़ा है। अब साइकिल स्टोर पर महिलाओं की डिमांड के अनुसार साइकिलें भी रखी जा रही हैं। बीते कुछ वर्ष में महिलाओं की साइकिल की मांग में 10 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
शहर में 1500 से लेकर एक लाख रुपये तक की साइकिल बिक रही हैं। साइकिल स्टोर पर सस्ती और महंगी सब तरह की साइकिल मिल जाती हैं। विदेश में उपयोग की जाने वाली साइकिलें भी अब शहर में लोग खरीद रहे हैं। साइकिलिंग करने वालों में सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।
फोल्डिंग साइकिल भी आती है जिसकी कीमत 12 हजार है। यह चाइनीज साइकिल है, जिसे सूटकेस में फोल्ड करके और कार में रखकर ले जाया जा सकता है। इसके साथ ही बेटरी से चलने वाली साइकिल भी बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 35 से 70 हजार तक है। एक चार्जिंग के बाद 100 किमी तक इसे चलाया जा सकता है। तीन से चार घंटे में यह साइकिल चार्ज हो जाती है। ज्वाइंट टेल आन साइकिल की कीमत 57 हजार है। इसकी फ्रेम एल्यूमीनियम की होती है। इसका वजन 14 किलो होता है, जिससे यह हल्की चलती है। इसमें हाड्रोलिक ब्रेक होते हैं।
दो दशक पहले दो डंडों वाली बड़ी साइकिल बाजार में नजर आती थी। एटलस और हीरो कंपनी यह साइकिल बनाती थी। इसके बाद बाजार में रेंजर साइकिल ने धूम मचाई। बाद में गियर वाली साइकिलों का बाजार आया। अब टाटा स्ट्राइडर, फायरफाक्स, हीरो, हरक्यूलिस जैसे कई ब्रांड की साइकिलें बाजार में हैं। ये मोटे, पतले और कई तरह के विशेष टायर के साथ आती हैं। देश के साथ-साथ विदेशी ब्रांड की साइकिलें भी बाजार में उपलब्ध हैं। डिस्क ब्रेक और आइल ब्रेक वाली साइकिलों का भी अब क्रेज है।
साइकिलिंग ऐसी एक्सरसाइज है, जिससे पूरे शरीर की कसरत हो जाती है। इससे ह्दय संबंधी बीमारी दूर रहती हैं और रक्तचाप, मधुमेह से दूरी बनी रहती है। साइकिल चलाने से शरीर में शुद्ध हवा जाती है और प्रत्येक अंग को आक्सीजन पहुंचती है। इससे श्वास की गति और ह्दय की धड़कन बढ़ती है, जो लाभप्रद होती है। घुटनों के आसपास मांसपेशियों की परेशानी भी इससे दूर होती है। इससे वजन भी बहुत जल्दी कम होता है और शरीर फिट रहता है।
- डा.राम रावत, कार्डियोलाजिस्ट