हरदा। घर से एक डेढ़ किलोमीटर खेत में टाइम बे टाइम सिंचाई पंप चालू बंद करना परेशानी का सबब था। सोडलपुर के शिव गहलोद ने सोलर पंप को घर बैठे मोबाइल से ऑपरेट कर इस झंझट से मुक्ति पा ली है। वे कहते हैं उन्नतिशील कृषि यंत्र एक महत्वपूर्ण कृषि निवेश है। सौर ऊर्जा पम्प योजना ने किसानों को डिजिटली हाईटेक बना दिया है।
जिले में टिमरनी क्षेत्र के किसान अब सौर ऊर्जा प्लेटों को एन्ड्रॉइड मोबाइल फोन से घर बैठे ही ऑपरेट करते हैं। यहां के किसान रामचन्द्र गहलोत, नारायण सांखला, रामकृष्ण भाटी और हरिओम सोलंकी गर्मी के इस मौसम में मूंग की फसल को घर से सोलर पंप चलाकर भरपूर पानी दे रहे हैं। यह किसान फसल को पानी देने के लिए घर से ही एन्ड्रॉइड मोबाइल फोन से सोलर पंप को चालू करते हैं, बंद करते हैं।
किसानों ने यह नवाचार कर खेती में समय, श्रम और धन बचाने का सफल प्रयोग किया है। अब प्रतिकूल मौसम में भी खेती को लाभकारी साबित करने में किसानों ने सफलता हासिल कर ली है। जिले की टिमरनी तहसील के सोडलपुर गांव के रामचन्द्र गेहलोत और नारायण सांखला ने सोलर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
सोलर प्लेट से बिजली पैदा कर इन किसानों ने बिजली कटौती और दूरस्थ क्षेत्र में बिजली लाइन और टांसफार्मर जलने जैसी परेशानियों को दूर किया है। वहीं आसानी से पानी लेने के लिए किसानों ने 16 प्लेट की इकाई लगाई है। एक इकाई से 4800 वॉट बिजली मिलती हैं। एक बार सोलर इकाई लगाने के बाद 25 वर्ष तक निर्बाध बिजली मिलेगी। अब टिमरनी के किसानों को सोलर पंप चालू-बंद करने के लिए खेत पर नहीं जाना पड़ता। सोलर एनर्जी से रबी फसलों के साथ-साथ गर्मी के मौसम की मूंग की फसल भी ले रहे हैं। किसान फसल में पानी देने की कोई समस्या नहीं हैं। बिजली कटौती और बिजली बिल की भी चिंता नहीं है।