
खिरकिया (नवदुनिया न्यूज)।
राष्ट्रीय सेवा योजना, ऊर्जा से परिपूर्ण एक ऐसा नाम है, जो युवाओं में निःस्वार्थ भाव, सेवा संकल्प, सच्चाई व नेतृत्व जैसे गुणों का विकास कर देता है। यानी राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े युवाओं के लिए एनएसएस स्वयंसेवी नाम होने से ही उन्हें प्रेरणा व ऊर्जा का गर्वमयी आभास होने लगता है। यह बात स्थानीय विष्णु राजौरिया आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एनएसएस के पूर्व प्रभारी प्रो एके मिश्रा ने कही। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार के युवा मामले व खेल मंत्रालय का एक संगठित कार्यक्रम है। जो कि राष्ट्र के युवाओं में नेतृत्व, सामूहिक एकता व सेवा भाव लाने में आधुनिक समय में एक बहुत बड़ा सशक्त साधन सिद्ध हो रहा है। राष्ट्रीय सेवा योजना को इसके स्थापना के उद्देश्य से समझने का प्रयास करें,तो धरती पर कुछ भी निश्चित नहीं है। एनएसएस एक ऐसी स्वयंसेवी संस्था है जो 24 सितंबर सन 1969 को अस्तित्व में आई।
एनएसएस प्रभारी दुर्गेश कौशल ने कहा कि एनएसएस का एकमात्र उद्देश्य युवा छात्रों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए अनुभव प्रदान करना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ एनपी जोशी ने की। कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कौशल ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. एके शर्मा, प्रतिभा सावरिया, डॉ. एके सिंह, सूरज राय, भास्कर राव, धीरज कुमार, रामविलास राय एवं स्वयं सेवक उपस्थित रहे।