हरदा। नवदुनिया प्रतिनिधि
स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बुधवार को हिंदी पखवाड़े के तहत हिंदी हमारे गर्व की भाषा विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयोजक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ मीना राठौर ने बताया कि संगोष्ठी में विभिन्ना प्रदेशों से शोधार्थी एवं वक्ताओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विजय अग्रवाल ने बताया कि हिंदी को मां के समान सम्मान दें। कार्यक्रम की संरक्षक डॉ धीरा शाह ने बताया कि हिंदी भाषा के पिछड़ापन के जिम्मेदार हम स्वयं हैं। कार्यक्रम की प्रथम वक्ता सेवानिवृत्त प्राध्यापक हिंदी डॉ संध्या गंगराड़े ने बताया की स्वतंत्रता के पश्चात गुलाम मानसिकता के कारण हिंदी का विकास रुक गया। अंग्रेजी मस्तिष्क की भाषा है, लेकिन हिंदी हृदय की भाषा है। भारतीय चिंतन आत्मा-परमात्मा, अध्यात्म, पीड़ा और खुशी हिंदी से ही सरोकार रखते हैं। सांची बौद्ध विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ राहुल सिद्धार्थ ने बताया कि हिंदी समय के साथ सामंजस्य बैठा रही है। इसलिए आज बाजार में भी हस्तक्षेप करती है।
संगोष्ठी के अंतिम वक्ता शासकीय महाविद्यालय चिरमिरी छत्तीसगढ़ के डॉ रामकिंकर पांडे सहायक प्राध्यापक ने बताया कि अगर भारतीय संस्कृति को बचाना है, तो हमें भाषा रूपी बीज को बोना होगा। हमारी आने वाली पीढ़ी को तुलसी, पंत, निराला, व प्रेमचंद्र से परिचित कराना होगा। यह कार्य सर्वप्रथम हमारे घर से ही प्रारंभ करना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर संगीता बिले प्राचार्य स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय हरदा ने की। कार्यक्रम का आभार डॉ दीप्ति अग्रवाल विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग ने व्यक्त किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ निर्मला डोंगरे एवं सह समन्वयक यशवंत अलावा एवं डॉ धर्मेंद्र कोरी ने कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग दिया।