हरदा। नवदुनिया प्रतिनिधि
मृत्युभोज की रूढ़ीवादी कुप्रथा को बंद करने की दिशा में हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समाज द्वारा पहल की है। इस दिशा में समाज के राजभाऊ शर्मा के निधन उपरांत आयोजित श्रंद्धाजलि सभा दौरान में समाज के समक्ष यह सुझाव रखा गया। इसमें बताया गया कि आज अधिकांश समाज इस कुरीति को बंद कर चुकी हैं। हमारी समाज को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाना चाहिए। समाज के प्रहलाद शर्मा ने कहा कि जब भी समाज में कोई नई पहल की जाती हैं, तो निश्चित ही कुछ लोग उसका विरोध करते हुए संबंधित व्यक्ति पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं, इसी बुराई के डर से कोई भी आगे आना नहीं चाहता है। मृत्युभोज में खर्च होने वाली राशि को समाजहित में लगाने का सुझाव भी दिया गया। स्व. राजभाऊ शर्मा के मामा सेवानिवृत्त शिक्षक मिश्रीलाल शर्मा ने कहा कि विघ्नसंतोषी हर जगह होते है, लेकिन समाजहित में अच्छी पहल के लिए ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
पगड़ी रस्म में भी बदलाव का सुझाव
समाज में किसी की भी मृत्यु होने पर उसके उतराधिकारी को पगड़ी रस्म दौरान टोपी पहनाने का रिवाज है। इस दौरान मृतक के परिवार के सभी विवाहित पुरुषों को उनके ससुराल पक्ष द्वारा टोपी पहनाई जाती है। वहीं प्रत्येक के ससुराल पक्ष के लोग दिवंगत के परिवार के सभी पुरुषों को यह टोपी पहनाते हैं। इस संबंध में भी सुझाव रखा गया कि केवल दिवंगत व्यक्ति के विवाहित उतराधिकारी की ससुराल पक्ष के अलावा कोई भी टोपी नहीं पहनाएं। बल्कि इस दौरान एक पात्र रखा जाए, जिसमें संबंधित अपनी स्वेच्छा से अगर कोई राशि देना चाहें तो डाल दें। यह राशि समाज के कोष में जमा कर समाज हित में उपयोग की जाए।