हरदा। इस बात को सभी समझते हैं कि यातायात नियमों की अनदेखी जानलेवा है। इसमें जान भी जा सकती है। फिर भी लोग नियमों को तोड़ते हैं और अपनी फूल जैसी जिंदगी को खो देते हैं। करीब - करीब हर सड़क दुर्घटना के पीछे यातायात नियमों का उल्लंघन बड़ी वजह के रूप में सामने आती है। सड़कों पर वाहन चलाते समय चालक न तो दाएं देखते हैं और नहीं बाएं। जल्दबाजी में अधिकांशतः गलत दिशा में टर्न लेते हैं और हादसों को दावत देते हैं। सबसे खतरनाक स्थिति नाबालिग वाहन चालकों ने पैदा कर रखी है। लगभग हर मार्ग में नाबालिग लहेरियाकट बाइक चलाते, अनियंत्रित चार पहिया वाहन मिल जाते हैं। ये कब किसे और कहां ठोकर मार देंगे यह अनुमान लगाना मुश्किल है। स्थिति यह है कि ऐसे बाइक चालक को देख राहगीर पहले ही रोड किनारे खड़े हो जाते हैं। नशे की हालत में वाहन चलाने, बिना हेलमेट के दोपहिया व बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाने और सड़क पर बेतरतीब वाहनों के खड़े होने से हादसे का डर बना रहता है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सब कुछ देखते हुए भी प्रशासन खामोश है। कुछ माह पूर्व जरूर पुलिस ने सुरक्षित यातायात का उद्देश्य लेकर जो अभियान छेड़ा था वह महज चालान काटने तक और लक्ष्यपूर्ति तक ही सीमित रह गया। नगर में नाबालिग बच्चे फर्राटे से बाइक चलाते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।
जिले में सड़कों पर नाबालिग यातायात नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना हेलमेट के यातायात पुलिस के सामने वाहन लेकर निकल जाते हैं। अभिभावकों व पुलिस की अनदेखी के चलते कस्बे में नाबालिग सड़कों पर बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चला रहे हैं। नाबालिग वाहन चालक गलत साइड से गाड़ी चलाते है कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते है। यातायात पुलिस ने नियम तो बना दिए हैं, लेकिन लंबे समय से नगर में इनका पालन नहीं हो रहा है। बच्चों के हाथ में वाहन आते ही वे तेज रफ्तार से दौड़ाते हैं। इससे अन्य लोगों की जान खतरे मे पड़ जाती हैं। इसके बावजूद नियम तोड़ने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिला सहित कस्बों में भी सड़कों पर यातायात नियमों का रोजाना उल्लंघन हो रहा है।
नहीं मालूम नियम कायदे
वाहन चालक कमलेश कुमार ने बताया कि बाइक में अपर-डिपर का बटन तो होता है, लेकिन वास्तविकता में इसका सही उपयोग किस जगह और क्यों किया जाता है, इसकी जानकारी नहीं है। अनिल कुमार बताते हैं कि यातायात संकेत नहीं होने से अस्पताल, स्कूल, व्यवसायिक क्षेत्र या सार्वजनिक स्थान पर वाहन की कितनी गति रहनी चाहिए इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वाहन चालक मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में बाइक चालक कहीं से भी बिना संकेत दिए मुड़ जाते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।
दोस्तों के साथ रेस
नगर में कई बड़े-छोटे विद्यालय हैं, इनमें काफी संख्या में बच्चे दोपहिया वाहन से स्कूल आते हैं। इन बच्चों को न तो ट्रैफिक नियमों का पूरा ज्ञान होता है और न ही ये पूरे ध्यान से वाहन चलाते हैं। ये तेज रफ्तार में वाहन चलाना, दोस्तों के साथ रेस लगाने सहित अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करते रहते हैं, जो स्वयं के लिए खतरनाक तो है ही साथ में अन्य लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
डिजाइन में लगी हुई हैं नंबर प्लेटें
नगर सहित क्षेत्र में लंबे समय से देखने को मिल रहा है कि कई वाहन मालिक अपने वाहनों में आकर्षक ढंग से डिजाइनें वाली नंबर प्लेट लगा रखी हैं। किसी ने बड़े छोटे तो किसी ने कोई भी रंग देते हुए नंबर प्लेटों को बनवाया है। ऐसा भी नहीं कि ये दो पहिया वाहनों में ही हो रहा है बल्कि चार पहिया वाहनों के चालक भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। नगर में जहां युवा नंबर प्लेटों में निर्धारित मापदंड में नंबरों को न लिखकर उन्हें आकर्षक ढंग से लिखवाकर नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं।