खिरकिया। नवदुनिया न्यूज
सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो, वहीं गरीब भी यहीं उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगीं। लेकिन सच तो यह हैं कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति तो योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, जबकि कई अपात्र लोग सेटिंग कर योजना का लाभ उठा चुके हैं। एक ओर जहां कुछ लोगों को सभी प्रकार की सुविधाओं के होते हुए भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका है, वहीं गरीब व पात्र व्यक्ति तो अभी भी उक्त योजना में नाम जुड़वाने व लाभ पाने के लिए धक्के ही खा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ब्लॉक के ग्राम बारंगा का है, जहां का एक अत्यंत गरीब व अनुसूचित जाति का परिवार सौ फीसद पात्रता के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से अभी तक वंचित हैं। ग्राम के संतोष पिता हजारीलाल उमरिया बीपीएल कार्ड धारक है। मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले संतोष उमरिया टट्टे के टूटे फूटे मकान में जैसे तैसे अपने परिवार के साथ रहता है। परिवार में उसकी पत्नी के अलावा चार बच्चे भी है।जिसमें बड़ी बेटी विवाह लायक हो चुकी है।
हालात यह है कि अब इस गरीब परिवार के घर में शहनाई भी नहीं बज रही है। गरीबी की जिंदगी गुजर बसर करने वाले इस परिवार ने सबों से गुहार लगाई लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। कच्चे टूटे-फूटे मकान में प्लास्टिक की चादर बिछकर यह गरीब परिवार अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहा है। इतना ही नहीं बारिश ने तो इस परिवार पर कहर बरपाया है। बीते सालों में उसने बीसियों बार ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक गुहार लगाई लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं उसने सीएम हेल्पलाइन पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन उसे योजना का लाभ दिलाना तो दूर, जिम्मेदार उससे सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस लेने के लिए जरूर दबाव बना रहे हैं।
मंगलवार को भी उसने जनसुनवाई में भी आवेदन दिया। अब इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बेसहारा एवं पात्र लोगों को सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए कटिबद्ध है। इसके बावजूद गरीब एवं बेसहारा लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खुले आसमान के नीचे रहकर गुजर-बसर करने को वह मजबूर हैं। सरकार द्वारा गरीबों एवं बेसहारा लोगों के लिए विभिन्ना योजनाएं चलाकर लाभ देने में लगी है, लेकिन कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर पानी की तरह रुपये बहा रही है। इसके बावजूद गरीब व बेसहारा लोग अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।
वर्जन
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र व्यक्तियों की सूची साल 2011 में बनी थी, उसमें संतोष उमरिया का नाम नहीं था। उस समय मैं इस पंचायत में पदस्थ नहीं था। बाद में साल 2016 में आवास प्लस योजना में संतोष उमरिया का नाम जोड़ा गया, लेकिन शासन स्तर से उस सूची को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। यह सच है कि संतोष उमरिया आवास योजना के लिए सर्वाधिक पात्र हितग्राही है।
-जगन्नााथ मीणा, सचिव, ग्राम पंचायत, बारंगा