होशंगाबाद, नवदुनिया प्रतिनिधि।
नर्मदा किनारे विभिन्ना तरह की पनपी वनस्पतियां जीव जंतुओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं। यही कारण है कि नर्मदा के तटीय इलाकों में कई तरह के पक्षी विचरण कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से जलमुर्गी या बनमुर्गी के झुंड ने डेरा डाला हुआ है। नर्मदा स्नान करने आने वालों के लिए यह जलमुर्गी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक कुछ दिनों से यह झुंड नर्मदा क्षेत्र में नजर आ रहा है। जानकारों के मुताबिक जलमुर्गी को बनमुर्गी, डौक, दहक, किनाटी भी कहा जाता है। यह ऐसा पक्षी है जो कभी भी अपने देश के बाहर नहीं जाती है। हालांकि समय के हिसाब से प्रवास स्थान बदलती रहती हैं। बांस की कोठियों जलाशय के पास जलमुर्गी को बहुतायत में देखा जा सकता है। भारत के अतिरिक्त बंगलादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यामार में भी जलमुर्गी बड़ी संख्या में पाई जाती है। एक साथ झुंड में उड़ने के बाद जलमुर्गी नर्मदा जल में उतरती हैं और किसी भी तरह की आहट होने पर उड़ जाती है। यह रोजाना कई बार देखा जा सकता है। होमगार्ड जवान श्याम सिंह राजपूत ने बताया कि जब जलमुर्गी का झुंड नर्मदा नदी में होता है तो यह नजारा देखते ही बनता है। कई लोग जलमुर्गी के इस झुंड की फोटो लेने की कोशिश भी कर चुके हैं, लेकिन जरा भी हलचल होने पर जलमुर्गी उड़ जाती हैं। सुबह व दोपहर के समय यह झुंड ज्यादा नजर आता है। पक्षी विशेषज्ञ राजेश मंगल के मुताबिक नर्मदा किनारे कई प्रजाति के पक्षियों रहवास स्थान है। दलदलीय क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में भोजन उपलब्ध होने के कारण पसंदीदा स्थान नर्मदा क्षेत्र रहता है।