होशंगाबाद। होशंगाबाद- नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राव उदयप्रताप सिंह ने मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र दीवान को 5 लाख 53 हजार 682 वोटों से हराकर अपनी सीट पर जीत का नया रिकार्ड भी बना दिया। इस सीट पर उनकी यह लगातार तीसरी जीत है। भले ही राव की जीत में भी मोदी लहर को मूल कारण माना जाए, लेकिन यह भी खास है कि जितने अंतर से मोदी ने वाराणसी में जीत हासिल की है, राव उदयप्रताप सिंह उससे भी ज्यादा अंतर से होशंगाबाद में जीते हैं।
उल्लेखनीय है कि राव उदयप्रताप सिंह इस सीट पर वर्ष 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीते थे। फिर वर्ष 2014 में उन्होंने पार्टी बदलकर भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। यह उनका तीसरा मौका था। इस बार कांग्रेस ने उनके खिलाफ राजनीतिक परिवार से जुड़े शैलेंद्र दीवान को प्रत्याशी बनाया था।
हालांकि, शैलेंद्र को बड़े चुनाव का अनुभव नहीं था। टिकट वितरण के समय भाजपा के कुछ नेताओं ने राव का विरोधी भी किया था, लेकिन संगठन ने फिर भी राव पर ही दांव खेला। नतीजे में राव उदयप्रताप सिंह को 8 लाख 77 हजार 927 और कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान को 3 लाख 24 हजार 245 वोट मिले। इस तरह राव उदयप्रताप ने 5 लाख 53 हजार 682 से जीतकर नया रिकार्ड बना दिया। पिछली बार वे यहां से 3 लाख 89 हजार 960 वोटों से जीते थे।
विकास के लिए अग्रसर रहूंगा
जीत के बाद राव उदयप्रताप सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करना सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री की छवि जनता के दिलों में गहरी पैठ बनाए हुए हैं। इसलिए जनता ने भरपूर समर्थन दिया है। मुझे पार्टी और जनता से जो विश्वास मिला है, वह हमेशा कायम रहेगा। जनता के हितों के लिए मैं अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाउंगा और उनके सानिध्य में लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए अग्रसर रहूंगा। केंद्र में मंत्री बनने के संबंध में राव का कहना था कि यह पार्टी तय करती है कि कि से मंत्री बनाना है और कि से नहीं। इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता।
दीवान के लिए खुद राहुल गांधी ने चुनावी रैली की थी। वहीं भाजपा उम्मीदवार राव उदयप्रताप सिंह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 6 मई को हुई वोटिंग में होशंगाबाद लोकसभा सीट पर 74.15 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट से भाजपा से सांसद राव उदयप्रताप सिंह और कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान चुनाव मैदान में रहे हैं।
सीट का इतिहास
पिछले 15 आम चुनाव में कांग्रेस 7 बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है तो वहीं भाजपा छह बार जीत मिली है। एक बार पीएसपी यानि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1962 में व बीएलडी यानी भारतीय लोक दल 1977 में सीट जीत चुकी है। होशंगाबाद-नरसिंहपुर में भाजपा और कांग्रेस के अलावा वोटरों ने किसी अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को तवज्जो नहीं दी है। 1951 में पहली बार संसदीय क्षेत्र में सैयद अहमद ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। उन्होंने दिग्गज नेता निर्दलीय प्रत्याशी एचवी कामथ को हराया था। 1957 में मगनलाल राधाकिशन कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
1962 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से एचवी कामथ जीते। 1967 में कांग्रेस के सीएनसी दौलत सिंह सांसद चुने गए। 1971 में कांग्रेस के चौधरी नीतिराज सिंह कांग्रेस ने जीत दर्ज की। 1977 में लोकसेवा दल के प्रत्याशी एचवी कामथ सांसद बने। 1980 में रामेश्वर नीखरा कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने। 1984 में रामेश्वर नीखरा को फिर से जनता ने चुना। 1991 में सरताजसिंह ने जीतकर सीट भाजपा के नाम की। 1996, 1998 में भी सरताज सिंह जीते। 1999 में बीजेपी के सुंदरलाल पटवा ने जीत दर्ज की। 2004 में बीजेपी के सरताज सिंह चौथी बार जीते। 2009, 2014 में बीजेपी के उदय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज।
तीन जिलों की 8 विस सीटें हैं शामिल
होशंगाबाद जिला- होशंगाबाद, सिवनी मालवा, सोहागपुर, पिपरिया
नरसिंहपुर जिला- नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, गाडरवारा
रायसेन जिला- उदयपुरा