नर्मदा तट के देवालयों में राधा जी की हुई विशेष पूजन, प्रतिमा का किया विशेष श्रृंगार
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होशंगाबाद। नवदुनिया प्रतिनिधि
नर्मदा तट के अनेक मंदिरों में राधा रानी का जन्मोत्सव सादगी व भक्ति भाव के साथ मनाया गया। कोरी घाट पर स्थित राधा रानी मंदिर में राधाष्टमी के पावन अवसर पर विशेष श्रृंगार किया गया। इस मौके पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का दर्शन के लिए आना-जाना लगा हुआ था। इस मंदिर का निर्माण नर्मदांचल के प्रसिद्ध संत व नर्मदा जयंती समारोह पूर्वक शुरूआत करने वाले स्वामी श्रीराधे बाबा ने राधाजी की स्थापना की थी। इस मौके पर राधाजी की विशेष पूजन अर्चन और अभिषेक किया गया। राधा जी को गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसके साथ ही राधाजी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया। पूजन अर्चन के बाद दोपहर में जन्म समय पर आरती की गई। उसके बाद महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। वहीं बीते एक सप्ताह से मंदिर में सजावट का क्रम जारी था। बुधवार को सुबह से ही मंदिर में अनेक महिलाओं के समूह विशेष रूप से मंदिर में पहुंच रहे थे। मंदिर में भजन होते रहे। शाम के समय महाआरती की गई।
गोपाल मंदिर के आचार्य पं. सुरेश शर्मा ने बताया कि कृष्ण जी की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे राधा अष्टमी का त्योहार कहा जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के पंद्रह दिन बाद जन्माष्टमी की तरह राधा अष्टमी का त्योहार भी मथुरा, वृंदावन और बरसाने में बड़े जोर-शोर के साथ मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार राधा रानी के पिता नाम वृषभानु और माता का नाम कीर्ति था। राधा जी स्वयं लक्ष्मी जी का अंश हैं। पं. शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मंदिर में ज्यादा भीड़ की अनुमति नहीं होने से कार्यक्रम सादगी के साथ ही मनाया गया। गोपाल मंदिर के अलावा शहर के राधा वल्लभ मंदिर,द्वारकाधीश मंदिर,उदासीन मंदिर,राधा कृष्ण मंदिर,नर्मदा मंदिर,जगदीश मंदिर,बांके बिहारी मंदिर व अन्य अनेक देवालयों में राधाजी का जन्म दिन मनाया गया।