सेमरीहरचंद। समीपस्थ ग्राम झालौन में चल रही श्रीशिव महापुराण में तृतीय दिवस पंडित राजेंद्र पाठक द्वारा शिव विवाह की कथा सुनाई गई। भगवान शिव की बरात निकाल कर दो कन्याओं को शिव पार्वती की झांकी मे सजाया गया। श्री पाठक ने कथा सुनाते हुए कहा कि हिमाचल नरेश ने नारद से पूछा शिव के माता-पिता कहां है इनके रिश्तेदार कहां है तब नारद ने सभी को बताया कि भगवान स्वयंभू हैं। इनके माता-पिता ही नहीं हैं। इनकी कोई विरासत नहीं है, इनका कोई गोत्र नहीं है। इनके पास अपने खुद के अलावा कुछ नहीं है। तब पूरी सभा चकरा गई। पर्वत राज ने कहा हम ऐसे लोगों को जानते हैं जो अपने पिता या माता के बारे में नहीं जानते। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हो सकती है। मगर हर कोई किसी न किसी से जन्मा है। ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी का कोई पिता या मां ही न हो। नारद ने जवाब दिया, क्योंकि शिव स्वयंभू हैं। इन्होंने खुद की रचना की है। पाठक ने उपस्थित श्रोताओं को बताया कि बिना मंत्र की दक्षिणा, बिना मंत्र का तिलक और बिना मंत्र का विवाह अशुभ होता है। इसलिए शुभ समय पर अच्छे विप्र से उक्त कार्य करवाना चाहिए, जिससे शुभ फल मिल सके। कथा के दौरान सैकड़ों शिव भक्त मौजूद थे।
कलश यात्रा के साथ महायज्ञ एवं मानस सम्मेलन प्रारंभ
सेमरीहरचंद। ग्राम सैनी में कलश यात्रा के साथ श्रीराम यज्ञ प्रारंभ हुआ। राम जानकी मंदिर के आचार्य पंडित जितेंद्र ने बताया कि रविवार 14 मार्च को प्रातः 6 बजे से कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें ग्राम की कन्याओं ने अपने सिर पर सुंदर सुसज्जित कलश लिए हुए यज्ञ स्थल पहुंची। यहां कन्या पूजन कलश पूजन के पश्चात पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, अरणी एवं मंथन से यज्ञाचार्य पं वीरेंद्र पुरोहित ने यज्ञ प्रारंभ कराया। पंडित जितेंद्र ने बताया की रात्रि सत्र में रविवार को 9 बजे से मानस प्रवचन में मानस प्रवक्ता त्यागी महाराज चित्रकूट द्वारा मानस प्रवचन करेंगे सोमवार को दिन के सत्र में दोपहर 1 बजे से जयंती किशोरी शर्मा वृंदावन एवं त्यागी महाराज चित्रकूट के मानस प्रवचन होंगे।
सीताराम कीर्तन का आयोजन हुआ
सेमरीहरचंद। ग्राम सतवास में सीताराम कीर्तन हुआ आयोजन ग्रामवासियों द्वारा स्थानीय भीलट देव स्थान पर किया गया जिसमें जमनी वाले गुलशन गुरुजी मंडली द्वारा सीताराम धुन गाई जिसमें ग्रामीण जन श्रोता झूमते नजर आए कार्यक्रम के समापन पर प्रसाद वितरण किया गया इस दौरान ग्रामीण जन उपस्थित रहे।