नर्मदापुरम(होशंगाबाद)नवदुनिया प्रतिनिधि
उमा कहहुं मैं अनुभव अपना, सत्य हरि भजन जगत सब सपना। भगवान का भजन ही सत्य है, बाकी सब सपना है। भोले बाबा उमा जी को कथा सुनाते समय यह बात कह रहे हैं। यह अमृत उद्गार नर्मदा तट के सत्संग चौक सेठानी घाट पर बुधवार से पंडित रामलाल शर्मा स्मृति समारोह के अंतर्गत पांच दिवसीय रामकथा के शुभारंभ अवसर पर बिहार भगगलपुर से आई मानस विदुषी वक्ता कृष्णा देवी ने प्रथम दिवस कही। कहा कि कथा सत्य है कथा गंगा है कथा मंदाकिनी है। कथा सकल सिंध, सुख राशि है। उन्होंने कथा का शुभारंभ हुनमान जी वंदना से किया। उन्होंने कहा कि जीवन में सत्संग का बड़ा महत्व है। भगवान की शरण में रहने से सभी सुख मिल जाते हैं। तुलसीदास जी ने लिखा है सब सुख लहै तुम्हारी सरना। उन्होंने कहा कि हम धन्य हैं जिस देश में भगवान जन्म लेते हैं। उस देश के वासी हैं। यह देश रिश्तों का देश है। कृष्णा देवी ने सुमधुर आवाज में मां नर्मदा गंगा के भजनों की प्रस्तुति के साथ ही रामचरित मानस की चौपाइयों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
मिथिलांचल की रहने वाली श्रीमती मिश्र अपनी कथा के साथ-साथ मिथिलांचल की बोली में गाए जाने वाले सरस भजनों को भी अपनी कथा में शामिल करती हैं जिसका नगर के धर्म प्रेमी समाज के द्वारा पूर्व में भी लाभ लिया जाता रहा है।
आयोजन समिति की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पं भवानी शंकर शर्मा,पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा,पियूष शर्मा,अरूण शर्मा,डॉ वैभव शर्मा,प्रशांत दुबे मुन्नाू और शंकर लाल तिवारी ने पुष्प गुच्छ से श्रीमती मिश्र का स्वागत किया। कथा का शुभारंभ होने से पूर्व पं रामलाल शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
बीते वर्षों में यहां पर शंकराचार्य जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद महाराज, स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज,पं रामकिंकर जी उपाध्याय, राजेश्वरानंद सरस्वती, श्रीमती कृृष्णादेवी मिश्र,संत पवन दीवान जैसे महान संतों का आगमन हो चुका है जो अपने अमृत वचनों से जनता को लाभाविंत कर चुके हैं। सुश्री प्रज्ञा भारती भी यहां पर दो बार पधार चुकी हैं। श्री दुबे ने बताया कि ज्ञान सत्र प्रतिदिन सायं 7.30 बजे से प्रारंभ होगा। प्रतिदिन प्रवचन से पूर्व स्थानीय कलाकारों के द्वारा भंजनांजलि की प्रस्तुति होगी। पुण्यतिथि दिवस 20 मार्च को सुबह 08.30 बजे से नर्मदा महाविद्यालय में प्रतिमा स्थल प्रांगण में पुण्य स्मरण सभा होगी।