अरविंद शर्मा, इटारसी (नर्मदापुरम)। पांढुरना जिले के श्री राम मंदिर में एक ऐसा बैंक चलता है, जिसमें राम नाम का संग्रह किया जाता है। इस बैंक का प्रबंधन इटारसी से होता है। साल 1990 से संचालित राम नाम बैंक में अब तक लाखों श्रद्धालु असंख्य राम नाम पुस्तिका लेखन कर जमा करा चुके हैं।
मंदिर परिसर में पुस्तक संग्रह हेतु साल 2006 में नौ मंजिला श्री राम नाम स्तंभ का निर्माण कराया गया है। इस स्तंभ में दो अरब से ज्यादा राम नाम संग्रहित हैं। वहीं इससे कहीं अधिक नाम की पुस्तिकाएं अगले स्तंभ के लिए रिजर्व हो चुका है, जिसे अयोध्या में बनाने की योजना है।
श्री राम मंदिर का राम नाम स्तंभ 30 मार्च 2006 को सात दिवसीय स्तंभ स्थापना समारोह के दौरान स्थापित किया गया था। इस कार्यक्रम में चारों शंकराचार्य समेत अनेकानेक साधु-संतों का आगमन हुआ था। भव्य अनुष्ठान के बाद 201 करोड़ श्रीराम का ध्यान करते हुए दशांश आहुतियां यज्ञ में छोड़कर रामनवमी पर 201 करोड़ रामनाम लिखित पुस्तिकाएं स्तंभ में समाहित की गईं।
इस बैंक का संचालन होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. सीतासरन शर्मा की ससुराल का पालीवाल परिवार करता है। मान्यता है कि प्रभु श्री राम के नाम से भरा यह स्तंभ चमत्कारिक प्रभाव वाला है। इसकी परिक्रमा के लिए देश भर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
विधायक डा. शर्मा स्वयं नियमित रूप से रात्रि विश्राम से पहले एक पेज राम नाम लेखन करते हैं, चुनाव समेत किसी भी तरह की व्यस्तता के बीच भी वे इस क्रम को टूटने नहीं देते।
पालीवाल परिवार का कहना है कि अयोध्या मंदिर समारोह के बाद वे देश भर के साधु-संतों से बात करेंगे, प्रयास होगा कि इस तरह के रामनाम बैंक की स्थापना रामलला की जन्मस्थली में भी हो।
स्तंभ के ऊपर धर्मध्वजा है, जिस पर धर्म प्रतीक नंदी एवं जय श्री राम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पांढुरना देश के मध्य में है, इसलिए यहां स्थापित स्तंभ पूरे देश को सुख समृद्धि प्रदान करता है। स्तंभ राम मंदिर के नेऋृत्य कोण में स्थापित है, इसलिए यह सभी मनोरथ पूर्ण करने वाला माना जाता है।
स्तंभ के ऊपर लगी धर्मध्वजा का दंड ताम्र धातु का है, जिसे स्तंभ के नीचे अर्थिंग पीठ तक लाया गया है, यह एक विद्युत तड़ित चालक भी है, अर्थात मंदिर के आसपास कभी बिजली नहीं गिर सकती। शिखर पर 12 श्री अंकित हैं। 201 करोड़ राम नाम में भी तीन अर्थात शक्ति स्वरूपा महाकाली, महालक्ष्मी, एवं महासरस्वती श्री मार्बल पर अंकित हैं।
श्रीराम मंदिर के शिखर की जमीन से ऊंचाई 45 फुट है, स्तंभ की ऊंचाई 72 फीट है, स्तंभ की मंजिलें भी नौ हैं। प्रत्येक मंजिल में श्री राम नाम लिखित पुस्तिका की संख्या नौ में ही रखी गई है। प्रत्येक मंजिल पर एक दिशा में नौ राम नाम मार्बल पर अंकित हैं। धर्मध्वजा का प्रमाण नौ अंक में ही है।