16एचओएस19 चंद्रभान खयाल।
माखन नगर। बाबई कस्बे में जन्मे शायर और नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन आफ उर्दू लैंग्वेज भारत सरकार के पूर्व डिप्टी चेयरमैन चंद्रभान खयाल को मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अकादमी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश असम और उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल रहे अजीज कुरैशी ने चंद्रभान खयाल को मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश जिला होशंगाबाद के बाबई कस्बे में जन्मे चंद्रभान खयाल दिल्ली में आवास करते हैं। करीब 40 साल देश के बड़े राष्ट्रीय उर्दू समाचार पत्रों में वरिष्ठ पदों पर रहे। चंद्रभान खयाल की उर्दू में कई किताबें भी प्रकाशित हुई हैं। चंद्रभान कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं। भारत सरकार ने चंद्रभान खयाल को नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन आफ उर्दू लैंग्वेज राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में बतौर तीन साल के लिए वाइस चेयरमैन की जिम्मेवारी भी सौंपी थी। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। इसके अलावा साहित्य अकादमी में उर्दू कन्वेनर रहे। चंद्रभान विभिन्ना देशों में उर्दू के विकास एवं विस्तार के लिए प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने बाबई से स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद दिल्ली में कदम रखा और पत्रकारिता आरम्भ की।
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कैलाश भगोरिया प्रदेश प्रवक्ता बने
16एचओएस20 कैलाश भगोरिया।
माखन नगर। बाबई नेशनल कांग्रेस वर्कर कमेटी में नगर के कैलाश भगोरिया को कमेटी के महासचिव कृष्ण कुमार गुप्ता की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश नेशनल वर्कर कमेटी के मध्य प्रदेश प्रवक्ता के पद नियुक्त किए गए। उनकी इस नियुक्ति पर उनके मित्र एवं शुभचिंतकों ने उनकी नियुक्ति पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
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क्रोध मे व्यक्ति को भूल नहीं होता- पं. दुबे
16एचओएच21 पं. गौरीशंकर दुबे।
माखन नगर। नवदुनिया न्यूज
ग्राम नांदनेर में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवे दिवस सोमवार को कथावाचक पंडित गौरीशंकर दुबे ने सभी श्रद्धालुओं को श्री राम कथा से आनंदित किया। दुबे ने सीताराम के विवाह का वर्णन किया। उसके पश्चात में परशुराम जी का आगमन हुआ। परशुराम और लक्ष्मण का संवाद हुआ। लक्ष्मण ने परशुराम से कहा कि महाराज हमने बचपन में कई छोटे धनुष तोड़ डाले, परंतु आपने इतना क्रोध कभी नहीं किया। अब इस धनुष के टूट जाने पर आपको इतनी ममता क्यों बढ़ रही है। अंत में राम ने परशुराम से प्रार्थना की। परशुराम पहचान गए कि यह साक्षात परमात्मा का अवतार हैं। परशुराम जी तपस्या के लिए चले गए। इसके पश्चात जनक जी ने अयोध्या के लिए दूत पहुंचाया। अत? आप बरात लेकर के जनकपुरी प्रस्थान करें। महाराज दशरथ ने बारात को जनकपुर पहुंचाया। भगवान सीताराम का लक्ष्मण और उर्मिला का श्रुति कीर्ति मांडवी का भरत शत्रुघ्न के साथ विवाह संपन्ना हुआ। वशिष्ट जी ने कहा कि तुम राम के राज्याभिषेक की तैयारी करो और कैकई ने महाराज दशरथ से दो वचन मांगे। पहला भारत को राज्य अभिषेक, दूसरा राम को 14 वर्ष का वनवास यह सुनते ही महाराज पृथ्वी पर गिर पड़े और कैकई ने अपने बड़ों को प्राप्त किया। कैकई राम का संवाद हुआ कैकई ने कहा राम तुम्हें बन जाना पड़ेगा और कहते की बातों को मानकर के श्रीराम जीवन की ओर चले राम जी के साथ में लक्ष्मण, सीता भी वनवास प्रथम दिवस भगवान राम ने तमसा नदी के किनारे वास किया। यहां निषादराज गुहा से मित्रता हुई।