इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि। सोने के गहनों की हालमार्किंग श्रेणी में अब 20 और 24 कैरेट के गहने भी शामिल होंगे। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मप्र सराफा एसोसिएशन के सुझावों को मंजूरी देते हुए बीआइएस के अधिकारियों से इस बारे में प्रस्ताव और नीति बनाने के लिए कहा है। इसी के साथ ज्वैलर्स एसोसिएशनों के साथ मिलकर हालमार्किंग के लिए सेंटर और लैब खोलने के सुझाव को भी मंजूरी देे दी गई है। मप्र के सराफा एसोसिएशन ने सोमवार को हुई सीधी चर्चा में मंत्री गोयल को यह सुझाव दिया था। एसोसिएशन ने झाबुआ, अलीराजपुर और शहडोल जैसे इलाकों का हवाला देते हुए मंत्री का ध्यान मौजूदा कानून की विसंगतियों की ओर दिलाया था।
पहले गहनों पर अनिवार्य हालमार्किंग का नियम 1 जून से लागू होना था। सोमवार को हुई अॉनलाइन बैठक व चर्चा के बाद केंद्र ने इसे 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर के जेम्स व ज्वैलरी एसोसिएशनों के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की। बैठक मेें केंद्र के सचिव स्तर के अधिकारी और ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड ( बीआइएस) के डायरेक्टर जनरल भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री ने हालमार्किंग को लेकर ज्वैलर्स से चर्चा की।
बैठक में शामिल हुए मप्र सराफा एसोसिएशन के सचिव संतोष सर्राफ ने मंत्री से कहा कि ज्वैलर्स हालमार्किंग के खिलाफ नहीं है बल्कि मौजूदा कानून की विसंगतियों और अव्यवहारिकता के खिलाफ है। संतोष सर्राफ ने मंत्री से कहा कि अभी हालमार्किंग मेें नियम बना दिया है कि सिर्फ 14,18 और 22 कैरेट के गहनों की ही हालमार्किंग होगी। मप्र मेें झाबुआ, अलीराजपुर जैसे क्षेत्र में आदिवासी ऐसे गहने पहनते है जिस पर नक्काशी नहीं होती लेकिन सोना 20 या 24 कैरैट का शुद्द होता है।
मौजूदा नियम से तो उन्हें कर गहने बेचे नहीं जा सकेंगे। इसी तरह झाबुआ हो या नक्सल प्रभावित बालाघाट वहां के ज्वैलर्स को यदि गहनों पर हालमार्किंग करवाना है तो उन्हें गहने लेकर 300-400 किमी दूर इंदौर, भोपाल जैसे शहरों में आना होगा। ऐसा संभव नहीं है। इसलिए पहले हालमार्किंग के सेंटर भी बढ़ाए जाना चाहिए। बेहतर हो कि ज्वैलर्स एसोसिएशन हालमार्किंग सेंटर खोले ताकि उनकी विश्वसनीयता कायम रहे। अभी सिर्फ निजी सेंटर खोलने की अनुमति है और उनकी विश्वसनीयता तय करने के लिए कोई नियम नहीं बनाया गया।
सात दिन में बनेगा प्रारुप
मप्र सराफा एसोसिएशन के सुझाव पर चर्चा के दौरान ही केेंद्रीय मंत्री गोयल ने बीआइएस के डीजी को निर्देश दिया कि 20 और 24 कैरेट के गहनों को हालमार्किंग में शामिल करने के लिए प्रस्ताव बनाकर सौंपा जाए। मंत्री ने मप्र एसोसिएशन की तारीफ करते हुए कहा कि मैं सभी सुझावों से सहमत हूं। ये व्यवहारिक कठिनाइयां है। केंद्रीय मंत्री ने व्यापारियों और अधिकारियों की एक संयुक्त समिति बना दी। मप्र सराफा एसोसिएशन को समेती का सदस्य बनाते हुए हालमार्किंग के नियमों में सुधार पर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। 15 दिन में नियमों बदलाव कर व्यवहारिक बनाने का वादा भी किया है। उल्लेखनीय है कि हालमार्किंग के नियमों में व्याप्त विसंगतियों के खिलाफ मप्र सराफा एसोसिएशन ने सालभर से मोर्चा खोल रखा है। बीते दिनों हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी थी। अन्य तमाम नियमों की विसंगतियों पर भी कमेटी केंद्र को रिपोर्ट सौंपेगी।