मध्य प्रदेश के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों से डॉक्टर कर रहे पलायन, अब तक 41 ने दिया इस्तीफा
MP Super Specialty Hospital: मध्य प्रदेश के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों से डॉक्टरों का पलायन जारी है। अब तक 41 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें जबलपुर से 13, इंदौर से 11, रीवा से 10 और ग्वालियर से 7 डॉक्टर शामिल हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
Publish Date: Sun, 24 Aug 2025 09:40:11 AM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Aug 2025 10:09:09 AM (IST)
इंदौर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल। फाइल फोटोHighLights
- डॉक्टरों के जाने के कारण संसाधनों की कमी, प्रमोशन का न होना, बेहतर अवसर, कम वेतन आदि हैं।
- मरीजों को आधुनिक इलाज से वंचित होना पड़ रहा है या इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
- यहां के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस भी नहीं कर सकते और ज्वाइनिंग के समय किए गए वादे पूरे नहीं हुए।
विनय यादव, नईदुनिया, इंदौर। मध्य प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर इंदौर, रीवा, जबलपुर और ग्वालियर में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल खोले गए थे। इनका उद्देश्य है मरीजों को शासकीय अस्पतालों में ही आधुनिक इलाज की सुविधा मिल सके ताकि उन्हें दूसरे राज्यों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़े। लेकिन कुछ ही वर्षों में इन अस्पतालों की स्थिति खराब हो गई है। यहां से डॉक्टर पलायन कर रहे हैं। चारों सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों से अब तक 41 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें जबलपुर से 13, इंदौर से 11, रीवा से 10 और ग्वालियर से सात डॉक्टर शामिल हैं।
डाक्टरों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें आधुनिक इलाज से वंचित होना पड़ रहा है या फिर इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। डाक्टरों के जाने के कारण संसाधनों की कमी, प्रमोशन का न होना, बेहतर अवसर, कम वेतन आदि हैं। यहां के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस भी नहीं कर सकते। डाक्टरों का कहना है कि ज्वाइनिंग के समय जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए। यहां से छोड़कर जाने वाले सभी डॉक्टर अभी बड़े निजी अस्पतालों में कार्यरत हैं।
60 प्रतिशत पद खाली
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डाक्टरों की कमी का सीधा असर अस्पतालों की सेवाओं पर पड़ रहा है। सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों में करीब 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। यानी आधे से ज्यादा विभाग अधूरे स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। कैंसर, न्यूरो, कार्डियक जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज प्रभावित हो रहा है। कई बार मरीजों को कहा जाता है कि विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए उन्हें बाहर इलाज करवाना पड़ता है।
स्वास्थ्य मंत्री अपने जिले में भी नहीं रोक सके पलायन
स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी अपने ही जिले में डाक्टरों का पलायन नहीं रोक पा रहे हैं। रीवा स्थित सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे तो हो रहे हैं, लेकिन यहां इलाज के लिए पर्याप्त डॉक्टर ही नहीं हैं। रीवा से ही 10 डॉक्टर नौकरी छोड़कर चले गए हैं।
जिलावार संख्या
जबलपुर- 13
इंदौर- 11
रीवा- 10
ग्वालियर- 7
यह डॉक्टर दे चुके अब तक इस्तीफा
रीवा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
- - डॉ. अंकित सिंह (कार्डियो)
- - डॉ. एलपी सिंह (कार्डियो)
- - डॉ. सुमित (कार्डियक सर्जन)
- - डॉ. प्रदीप कुर्मी (कार्डियो)
- - डॉ. मुनीर (कार्डियक एनेस्थेटिक)
- - डॉ. विजय (यूरोलाजी)
- - डॉ. विवेक (यूरोलाजी)
- - डॉ. राकेश सोनी (कार्डियक सर्जन)
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जबलपुर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
- - डॉ. ब्रह्म प्रकाश (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. अविनाश जैन (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. विकास पटेल (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. ऋषि गौतम (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. मृत्युंजय सिंह (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. पवन तिवारी (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. अमरेंद्र शुक्ला (पुलमोनरी मेडिसिन)
- - डॉ. जितेंद्र शाक्य (न्यूरोसर्जरी)
- - डॉ. दीपक सुल्य (सीटीवीएस)
- - डॉ. अर्पण
- - डॉ. स्वामी (न्यूरोसर्जरी)
- - डॉ. अंबुज (न्यूरोसर्जरी)
- - डॉ. प्रशांत पटेल (यूरोलाजी)
इंदौर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
- - डॉ. अभिषेक राठौर(कार्डियोलाजी)
- - डॉ. प्रशांत सिंह (न्यूरोसर्जरी)
- - डॉ. भूषण शाह (कार्डियोलाजी)
- - डॉ. अखिलेश (न्यूरोलाजी)
- - डॉ. निपुन (न्यूरोलाजी)
- - डॉ. मुनीर अहमद खान (कार्डियक एनेस्थेसिया)
- - डॉ. ईशा तिवारी (नेफ्रोलाजी)
- - डॉ. जय अरोरा (नेफ्रोलाजी)
- - डॉ. चयनिका (न्यूरो एनेस्थिसिया)
- - डॉ. शशांक नाहर (न्यूरोसर्जरी)
- - डॉ. प्रशांत (न्यूरोसर्जरी)
ग्वालियर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
- - डॉ. नीरज अग्रवाल (यूरोलाजी)
- - डॉ. सुरजीत (यूरोलाजी)
- - डॉ. विजय गुप्ता (नेनोटालाजी)
- - डॉ. मनोज जोशी (पीडियाट्रिक सर्जरी)
- - डॉ. यूबी सिंह (पीडियाट्रिक सर्जरी)
- - डॉ. अपराजिता (पीडियाट्रिक सर्जरी)
- - डॉ. तपस्या (पीडियाट्रिक सर्जरी)
जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में भी डॉक्टर सहित अन्य पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। यहां नर्सिंग स्टाफ का भी ट्रांसफर किया गया है। जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। हमारा प्रयास है कि मरीजों के बेहतर इलाज की सुविधाएं मिलें। -डॉ. अरविंद घनघोरिया, डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज