नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। रेलवे यात्री सुविधाओं के लिए एक ही प्लेटफार्म पर रेलवन एप के माध्यम से सुविधा लेकर आ गया है। पहले ही दिन एप में अपडेट आ गया। टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए 15 जुलाई से आधार नंबर अपडेट करने के बाद ओटीपी आएगा। उसके बाद ही यात्री टिकट बुक करवा पाएंगे। पहले दिन एप को डाउनलोड करने के बाद पता चला एप ठीक तरीके से काम कर रहा है। टिकटों की बुकिंग भी आसानी से हो रही है।
पीएनआर नं. डालने के बाद स्टेट्स पता चल रहा है सहित अन्य सुविधाएं भी ठीक तरीके से कार्य कर रही है। इसके पहले रेलवे की सुविधा के लिए कई तरह के अलग एप जैसे टिकट, ट्रेन की लाइव लोकेशन और शिकायत के लिए अलग एप डाउनलोड करना पड़ता था। अब एक ही रेलवन एप के माध्यम से यात्रियों को मोबाइल में नौ तरह की सुविधाएं मिल जाएगी। उनको कई तरह के एप डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी।
एप डाउनलोड करने वाले जिशान परमार ने बताया कि ये रेलवे की एक बहुत अच्छी पहल है। अब सारी सुविधाएं एक ही एप पर मिलेगी। रेलवन एप ठीक तरीके से काम कर रहा है। टिकट की जानकारी, ट्रेन सर्च, ट्रेन की लाइव लोकेशन, कोच पोजिशन, फूड आर्डर सहित अन्य सुविधाएं ठीक तरीके से काम कर रही हैं। एक ट्रेवल एजेंट के अनुसार ये एप पहले दिन अन्य एप की तरह ही काम कर रहा है। रेलवे सभी सुविधाओं को को एक ही प्लेटफार्म पर ले ये बहुत ही बढ़िया है। पहले ही दिन एप में अपडेट आ गया।
यदि कोई यात्री 10 या 15 टिकट बुक करता है, तो जिस व्यक्ति के आईडी से टिकट बुक कराया जा रहे है। उसके पर्सनल आईडी पर ओटीपी आएगा। अब स्लीपर के टिकट बुक करने पर ओटीपी आएगा या नहीं ये जानकारी फिलहाल स्पष्ट नहीं है। एप के बारे में बहुत सारी जानकारी 15 जुलाई के बाद ही स्पष्ट होगी।
इस एप के माध्यम से यात्री आरक्षित टिकट में जाने के बाद (सामान्य, महिला लोअर बर्थ, दिव्यांग, तत्काल एवं प्रीमियम तत्काल, अनारक्षित), जनरल टिकट के विकल्प दे रहा हैं। आप अपने आर-वॉलेट के माध्यम से अनारक्षित यूटीएस टिकट खरीदने पर तीन फीसदी की छूट, मासिक सीजन पास, लाइव ट्रेन ट्रैकिंग, पीएनआर स्टेटस चेक करने, ई-कैटरिंग में रेलवे फूड आर्डरिंग सुविधा (भोजन), पोर्टर बुकिंग (पार्सल सुविधा), शिकायत और रेल हेल्पलाइन सेवा, लास्ट-माइल टैक्सी जैसी सुविधाएं रिजर्वेशन करते वक़्त कई ऑप्शन आते हैं।
आईआरसीटीसी पर आरक्षित टिकटें उपलब्ध रहेगी। रेलवन में सिंगल साइन-इन की सुविधा हैं, जिसमें एमपीआईएन या बायोमेट्रिक के जरिए लॉगिन किया जा सकेगा। यह मौजूदा रेलकनेक्ट और यूटीएस क्रेडेंशियल को भी सपोर्ट करता है। यह एप मोबाइल में एप जगह की बचत करता है, क्योंकि इसमें कई एप इंस्टाल करने की जरूरत नहीं होती।