Admission in Engineering College: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन के अंकों के आधार पर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी इस समय इंजीनियरिंग कालेजों की तलाश कर रहे हैं। कई विद्यार्थी पिछले वर्षों के कटआफ जानने के लिए कालेजों से संपर्क कर रहे हैं। विद्यार्थियों को अपनी रैंक के अनुसार कौन सा संस्थान मिल पाएगा, इसकी जानकारी तो काउंसिलिंग के समय ही मिल सकेगी लेकिन पिछले वर्षों के रिकार्ड बता रहे हैं कि प्रदेश में सबसे जल्द भर जाने वाले इंजीनियरिंग संस्थान एसजीएसआइटीएस और दूसरे पायदान पर बने रहने वाले देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आइईटी की कंप्यूटर साइंस ब्रांच में आल इंडिया 30 हजार रैंक पाने वालों को भी प्रवेश मिलता रहा है।
पहले चरण की काउंसिलिंग में 40 से 45 हजार आल इंडिया रैंक में दोनों संस्थानों की कंप्यूटर साइंस और आइटी ब्रांच भर जाती हैं। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में 25 से 30 हजार के अंदर रैंक लाने वालों को भी प्रवेश मिलता रहा है। भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) संबद्ध कालेजों में जेईई मेन के एक लाख तक की रैंक वालों को भी मनपसंद ब्रांच मिलती रही है।
एसजीएसआइटीएस के निदेशक प्रो. राकेश सक्सेना का कहना है कि डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) मुख्यत: प्रवेश के लिए काउंसिलिंग के तीन चरण आयोजित करता है। पहले और दूसरे चरण के बाद कालेज लेवल काउंसिलिंग भी होती है। जो सीटें पहले और दूसरे चरण की प्रक्रिया में नहीं भर पाती हैं, उसे सीएलसी से भरा जाता है।
काउंसिलिंग प्रक्रिया में उतार-चढ़ाव
आइइटी के प्रशासनिक अधिकारी डा. परेश आत्रे का कहना है कि दो वर्ष से काउंसिलिंग प्रक्रिया में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष आइईटी में पहले चरण में करीब आल इंडिया 40 हजार रैंक पर कंप्यूटर साइंस और करीब 45 हजार रैंक पर आइटी ब्रांच की सीटें भर गई थीं। हालांकि दूसरे चरण में 30 हजार से ज्यादा रैंक वालों को भी सीट मिल गई थीं।