नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। स्वच्छता में आठ बार देश के नंबर वन शहर इंदौर की ‘व्यवस्था’ को इन दिनों चूहे गंभीर चुनौती दे रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में दो नवजात को एनआइसीयू में चूहों द्वारा कुतरे जाने की जांच अभी चल ही रही है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के साथ ही एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वे में टॉप-3 एयरपोर्ट में शामिल देवी अहिल्याबाई होलकर विमानतल पर मंगलवार को एक यात्री को चूहे ने काट लिया। बेंगलुरु जाने के लिए प्रस्थान कक्ष में इंतजार कर रहे यात्री के पेंट में चूहा घुस गया। बाद में पीड़ित यात्री ने विमानतल पर पर्याप्त मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं होने का आरोप भी लगाया और बेंगलुरू पहुंचकर अपना इलाज करवाया।
भोपाल निवासी अरुण मोदी अपनी पत्नी के साथ बेंगलुरु जाने के लिए इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे थे। दोपहर 3.05 बजे की उड़ान के लिए वे टर्मिनल में लगाई गई रिक्लाइनर सीट पर आराम कर रहे थे। इसी दौरान चूहा उनकी पेंट में घुस गया। घबराए अरुण ने चूहे को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने घुटने के पीछे काट लिय। घटना से घबराए अरुण ने शोर मचाया तो प्रबंधन की टीम वहां पहुंची और यात्री को मेडिकल कक्ष में ले गई। डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन यहां रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला।
इंदौर एयरपोर्ट पर यात्री की पैंट में चूहा घुसने और काटने की घटना के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन हरकत में आ गया है। प्रबंधन ने डॉ. हर्षवर्धन सिंह को नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। डॉ. सिंह ही घटना के समय ड्यूटी पर थे और उन्होंने यात्री के उपचार में संवेदनशीलता नहीं दिखाई। साथ ही एयरपोर्ट परिसर में फिर से पेस्ट कंट्रोल किया गया। यात्री अरुण मोदी की पेंट में चूहा घुस गया था और काट भी लिया। हालांकि, अब तक पेस्ट कंट्रोल और साफ-सफाई का काम करने वाली एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सफाई व्यवस्था के लिए तैनात एजेंसी को प्रतिमाह लाखों रुपये भुगतान किया जाता है। बीते दिनों यात्रियों द्वारा मच्छर और काकरोच के साथ ही गंदे वाशरूम को लेकर शिकायत की गई थी। बीते वर्ष एक यात्री ने इंटरनेट मीडिया पर एयरपोर्ट पर आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर पोस्ट की थी। फूड काउंटर्स के पास चूहों को लेकर पहले भी शिकायत हो चुकी है।
एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा के अलावा मेडिकल की बेहतर सुविधा देने का दावा किया जाता रहा है। चूहा घुसने और यात्री को काटने जैसी घटना ने सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्री सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावे करने वाला एयरपोर्ट प्रबंधन केवल मूल आपातकालीन मेडिकल सुविधा तक देने में नाकाम साबित हुआ है। इससे मेडिकल सुविधा की कलई खुल चुकी है।
हाल ही में जारी हुई एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वे की दूसरी तिमाही रैंकिंग में इंदौर एयरपोर्ट देश के चुनिंदा एयरपोर्ट में तीसरे पायदान पर रहा था। प्रति वर्ष 18 लाख यात्रियों के आवागमन वाले एयरपोर्ट के बीच किए गए सर्वे में 31 बिंदुओं पर यात्री सुविधाओं को लेकर जांच होती है। इसमें सफाई व्यवस्था के अंक भी शामिल होते हैं।
उल्लेखनीय है कि 30-31 अगस्त में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय में एनआइसीयू में भर्ती दो नवजात को चूहों ने कुतर दिया था। बाद में दोनों बच्चों की मृत्यु हो गई थी। रात भर में चूहे बच्चों की उंगलियां व पैर को नुकसान पहुंचाया था। हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा कि घटना के बाद अब तक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया।
एयरपोर्ट पर यात्री के साथ चूहे के काटने की घटना के बाद उनका तुरंत उपचार कराया गया। इंजेक्शन देने में देरी होने के मामले में डाक्टर को निर्देशित किया गया है। पंद्रह दिन पहले ही पेस्ट कंट्रोल किया गया था और आज फिर से पेस्ट कंट्रोल कराया गया है। कैजेस भी लगवा दिए हैं और स्टाफ को भी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए निर्देशित किया गया है-वीके सेठ, एयरपोर्ट डायरेक्टर इंदौर।