Indore News इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कनाड़िया रोड पर अरंडिया में नियमों को ताक में रखकर चल रहे अक्षर स्कूल आफ नर्सिंग की जांच में सामने आया है कि इस कालेज की मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल से मान्यता भी नहीं है। मंगलवार को अपर कलेक्टर पवन जैन ने नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों को भी बुलाया। काउंसिल के अधिकारी भोपाल से कालेज की फाइल लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि कालेज का संचालन 2015 में शुरू किया था, लेकिन इसकी मान्यता 2020-21 में रद्द कर दी गई थी।
इस तरह कालेज बिना मान्यता के ही चल रहा था और इसमें लगभग सौ नर्सिंग विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। इस कालेज से सरकारी अस्पताल की तीन स्टाफ नर्स भी कथित तौर पर जुड़ी हुई बताई जा रही हैं। हम इन स्टाफ नर्सों के कालेज के साथ संबंध की जांच कर रहे हैं। कालेज चलाने वाली सोसाइटी के संचालकों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि छात्राओं की शिकायत के बाद सोमवार को कालेज का औचक निरीक्षण किया गया तो वहां तीन कमरों में कालेज चलना पााया गया। इन कमरों पर ताले लगे थे और परिसर में गेहूं और लहसुन के ढेर पाए गए। वहीं पर भैंसें भी बंधी हुई थीं। कालेज को सील करने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू की है।
मंगलवार को कालेज छात्राओं ने अपर कलेक्टर को बयान में बताया कि न तो हमारी आफलाइन कक्षाएं लग रही हैं, न ही कालेज में नियमों के तहत सुविधाएं हैं। जांच में सामने आया कि कालेज प्रबंधन ने अपनी फाइल में विभिन्न कारणों से कबीटखेड़ी में स्वामित्व के भवन का पता दिया था, जबकि कालेज अरंडिया में किराए के भवन में संचालित पाया गया था। नियमों के अनुसार, कालेज ने 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ अपनी सम्बद्धता दी थी, लेकिन कुछ साल पहले अस्पताल का स्वामित्व और नाम बदल दिया गया था।
छात्राओं को वापस दिलाई जाएगी फीस, दूसरे कालेज में दिलाएंगे प्रवेश
अपर कलेक्टर जैन ने बताया कि कालेज में कुल 26 बुनियादी सुविधाओं में से केवल कुछ ही पाया गया, जबकि इसमें छात्रों के लिए उचित पुस्तकालय, कक्षाएं, अध्ययन सामग्री की कमी है। कालेज में पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष में लगभग छात्राएं पढ़ रही हैं। उनसे भारी-भरकम फीस लेने के बावजूद आफलाइन कक्षाएं नहीं चल रही थी। छात्राओं ने फीस और दस्तावेज लौटाने की मांग की है। कालेज प्रबंधन से विद्यार्थियों की फीस और दस्तावेज वापस दिलाए जाएंगे। उनकी पढ़ाई पूरी कराने के लिए दूसरे नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश दिलाया जाएगा।