इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में उत्तर से आई बर्फीली हवाओं के चलते ठंड अपने तीखे तेवर दिखा रही है। इससे चिड़ियाघर प्रबंधन ने वन्य प्राणियों को बचाने के लिए खासे इंतजाम किए हैं। इसके चलते सांपघर में हीटर और ब्लोअर लगाने के साथ हर इनक्लोजर में कंबल भी रखे गए। इन्हें ओढ़कर सांप भी राहत की सांस ले रहे हैं।इतना ही नहीं हिरण के लिए सूखी खास बिछौने के रूप में बिछाई गई है।
चिड़ियाघर में 60 प्रजाति के 650 वन्य प्राणी है। सांपों के लिए वुडन बाक्स भी रखे गए हैं जिनमें 100 वाट का बल्ब लगा हुआ है।इसके चलते उन्हें अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने में आसानी हो रही है। सांप घर में करीब 20 इनक्लोजर में 20 प्रजाति के सांप हैं। सभी में कंबल रखने के साथ ही हीटर और ब्लओर भी लगाए गए हैं। दिन में धूप अंदर आ सके इसलिए शेड हटाए जाते हैं।बाघ और शेरों के बाड़े में भी लकड़ी के फट्टे बिछाए गए हैं ताकि जानवर ठंडी फर्श के सीधे संपर्क में न आएं।बाघों के बाड़े पेड़ों की कटाई-छटाई भी सोमवार को की गई ताकि वे धूप सेक सकें।
पिंजरों को त्रिपाल से ढक रहे, हिरण के बाड़े में बिछाई सूखी खास
रात को चलने वाली सर्द हवा से जानवरों को बचाने के लिए बाड़ों को रात में त्रिपाल से ढका जा रहा है ताकि तेज हवा जानवरों को परेशान न करे।इसके साथ ही यहां हिरण और भालू के बाड़े में सूखी घास बिछाई गई है जिससे सीधी जमीन के संपर्क न आए।इस पर पराली डाली गई है।
ठंड से बचाने के लिए कई इंतजाम
अन्य वन्य प्राणियों की बजाए रेंगकर चलने वाली प्रजातियों को ठंड से बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।इसके चलते सांप घर में खास इंतजाम किए गए हैं।यहां हर इनक्लोजर में हीटर, ब्लोअर और वुडन बाक्स रखे गए हैं। इसके साथ पिंजरे और बाड़े को रात में त्रिपाल से ढका जा रहा है। जानवरों के आहार में भी मामूली बदलाव किया गया है। हाथी मोती को गुड़-चना दिया जा रहा है।हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले इंदौर में ठंड कम होती है।
-उत्तम यादव, प्रभारी कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय