Annapurna Temple Indore: इंदौर। इंदौर शहर के दशहरा मैदान रोड स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है। यहां माता की तीन फीट की संगमरमर की मूर्ति विराजमान है। यहां उनके दर्शन के लिए भक्तों का ताता लगा रहता है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा विभिन्न सेवा गतिविधियों का संचालन भी होता है। नवरात्र में हर दिन माता को अलग-अलग फलों का भोग लगाया जाता है। इन फलों को जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जा रहा है।
इंदौर अन्नपूर्णा मंदिर का इतिहास
अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण 1959 में किया गया था। मंदिर की ख्याति यहां 1975 में बनाए गए हाथी गेट की वजह से देशभर में हुई। द्रविड़ स्थापत्य शैली में बने मंदिर के पीछे अब 22 करोड़ रुपये की लागत से नवीन मंदिर बनाया जा रहा है। 81 फीट ऊंचे नए मंदिर में 51 स्तंभ हैं। अंदर बाहर सभी जगह 1250 नवीन मूर्तियां रहेंगी। गर्भगृह में मां अन्नपूर्णा, मां सरस्वती और मां कालिका की मुख्य मूर्ति रहेंगी। शिखर पर गणेशजी, रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ, अष्ट लक्ष्मी, दस महाविद्या, 64 योगिनी, 27 नक्षत्र के दर्शन भी होंगे।
दिन में तीन बार होता है माता का शृंगार
अन्नपूर्णा माता का नवरात्र में दिन में तीन बार शृंगार किया जा रहा है। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी हो रहा है। इसके अतिरिक्त एक अन्य पहल भी की गई है। इसमें माता को हर दिन फलों का भोग लगाया जा रहा है। माता को लगे भोग को जरूरतमंद लोग, अनाथ आश्रम, अस्पताल और वृद्धाश्रम में प्रदान किया जाता है।
संगमरमर से बनेगा अन्नपूर्णा मंदिर
नवरात्र में विभिन्न अनुष्ठान मंदिर में हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त फलों का भोग लगाकर वितरित भी किए जा रहे हैं। नवीन मंदिर का कार्य भी तेजी से चल रहा है। यह मंदिर संगमरमर से बनेगा। - महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद
आनंद की अनुभूति होती है
अन्नपूर्णा मंदिर में आकर आनंद की अनुभूति होती है। यहां मां अन्नपूर्णा के साथ अन्य देवियों के दर्शन भी होते हैं। परिसर में भगवान काशीनाथ का मंदिर है। इसमें भी 14 फीट की मूर्ति विराजित है। - नीलेश कुशवाह