इंदौर। लोग एक्टिंग में शौक के लिए आते हैं, लेकिन मैं मजबूरी में आई थी। घर चलाने के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए नौ साल की उम्र में पहली बार एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। जगह-जगह फोटो देकर आती थी। मुश्किल से 50 रुपए मिलते थे। इस तरह महीने में तीन-चार काम मिलने से गुजारा हो जाता था। जैसे-जैसे काम आता गया और काम मिलते गए बस फिर कभी रुकी नहीं। हां काम सीखने के लिए मेहनत बहुत करनी पड़ी। कई बार डांट खाई। इतना कुछ सुनना पड़ता था कि रोना आ जाता था, लेकिन सीखने का जुनून था इसलिए सब कुछ सहन करती थी। मैं जब आई थी तो सोचा नहीं था कि इतना कुछ मिलेगा, लेकिन सब कुछ मिल गया। सही कहूं तो ब्रेड बटर के लिए आई थी लेकिन चिकन मिल गया।
यह कहना है 300 से अधिक फिल्मों और कई टीवी शो में काम कर चुकी ख्यात एक्ट्रेस अरुणा ईरानी का। वे स्टार प्लस के शो 'दिल तो हैप्पी है जी" के प्रमोशन के लिए मंगलवार को शहर आईं थीं। ईरानी इस शो में दादी का रोल कर रही हैं। 72 साल की उम्र में भी एक्टिव और एनर्जेटिक रहने का राज उनका लगातार काम करना है।
वे कहती हैं मैं हमेशा काम करती रहती हूं क्योंकि आप तब तक ही हैं जब तक काम कर रहे हैं। जिस दिन काम बंद, सब खत्म हो जाएगा। काम न करने से आप अकेले हो जाते हो, डिप्रेशन आता है। खासतौर पर एक उम्र के बाद आपको हर कुछ अच्छा नहीं लगता इसलिए जिस काम में आपको मजा आए वो करते रहना चाहिए।
मूवी में मुझे मेरे लायक रोल नहीं मिलते
मुझे एक्टिंग से मतलब है फिर चाहे वो फिल्मों में हो या टीवी में। लेकिन फिल्मों में मुझे उस तरह के रोल नहीं मिलते जैसे मैं करना चाहती हूं। अब उस तरह की फिल्में या गाने नहीं बनते कि आप लंबे समय तक उनसे जुड़े रहें। पहले के गानों का एक-एक शब्द दिल का छू लेने वाला होता था।
आज भी अच्छी फिल्में जिनमें पारिवारिक मूल्य हो लोग पसंद करते हैं। सामान्य विषय को भी आप बेहतर तरीके से प्रस्तुत करें तो हर जनरेशन के लोग पसंद करते हैं। आपको सिर्फ एक जनरेशन को नहीं बल्कि सभी को साथ लेकर फिल्म बनानी होगी।
बेटा में यादगार रोल
हर तरह के रोल कर चुकी ईरानी कहती हैं ऐसा कोई रोल नहीं बचा जो नहीं किया हो। लेकिन कुर्बानी, राजा बाबू, बेटा जैसी फिल्मों के रोल मुझे बहुत पसंद हैं। उसमें भी बेटा में अनिल कपूर की सौतेली मां का किरदार मेरा यादगार रोल है। इसके लिए अवार्ड मिला लेकिन सही पूछें तो असली अवार्ड जनता का प्यार होता है।
आलिया भट्ट की एक्टिंग बनावटी नहीं
ईरानी कहती हैं मुझे आलिया भट्ट की एक्टिंग बहुत अच्छी लगती है। वह नए कलाकारों की तरह बनावटी एक्टिंग नहीं करती। इसीलिए मैं चाहती हूं मेरी बायोपिक में वो ही एक्टिंग करे। एक्टरों में इस समय रणवीर सिंह और वरुण धवन का काम अच्छा है।