महाकाल गर्भगृह में जाने वाले VIP की सूची तय नहीं, जिसे अनुमति मिल गई वही वीआईपी, हाईकोर्ट ने कहा
मंदिर प्रबंधन समिति सूचना के अधिकार के तहत गर्भगृह में प्रवेश करने वालों की सूची नहीं देती है। याचिका में वीआइपी के नाम पर प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने या आम भक्तों को भी गर्भ गृह में जाने की अनुमति देने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों ही मांग खारिज कर दी।
Publish Date: Mon, 01 Sep 2025 09:10:13 PM (IST)
Updated Date: Mon, 01 Sep 2025 09:19:51 PM (IST)
उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्मारती का फाइल फोटो।HighLights
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में आम जनता के प्रवेश पर रोक जारी रहेगी, याचिका निरस्त।
- कोर्ट ने कहा कलेक्टर की राय में कौन वीआईपी है और कौन नहीं, यह याचिका में तय नहीं है।
- कोर्ट में यह जनहित याचिका दर्पण अवस्थी ने एडवोकेट चर्चित शास्त्री के माध्यम से दायर की थी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में आमजनता के प्रवेश पर लगी रोक जारी रहेगी। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस रोक को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर की राय में कौन वीआईपी है और कौन नहीं, यह याचिका में तय नहीं किया जा सकता। वीआईपी की कोई सूची नहीं होती। जिसे अनुमति मिल गई वह वीआईपी है। कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी हैं कि वे तय करें कि किस दिन किसे वीआईपी माना जाए। ऐसा लगता है याचिकाकर्ता गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने से दुखी हैं। उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका दर्पण अवस्थी ने एडवोकेट चर्चित शास्त्री के माध्यम से दायर की थी। 28 सितंबर गुरुवार को न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था जो सोमवार देर शाम जारी हुआ।
दो पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा कि याचिका में यह तय नहीं किया जा सकता कि कौन व्यक्ति वीआईपी है और कौन नहीं। वीआईपी की कोई परिभाषा भी नहीं होती। याचिकाकर्ता का कहना था कि आम भक्तों के लिए महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक है लेकिन नेता पुत्र, व्यापारी वीआईपी के नाम पर प्रवेश पा जाते हैं। कई भक्त हजारों किमी दूर से आते हैं, लेकिन वे चाहकर भी गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाते हैं और निराश होकर लौट जाते हैं। ऐसे में उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
यह भी कहा था याचिका में
- याचिका में कहा था कि अतिविशिष्ठ और विशिष्ठ लोगों के गर्भगृह में प्रवेश का प्रविधान है, लेकिन गर्भगृह में वीआईपी के नाम पर अपात्र लोगों को भी प्रवेश दिया जा रहा है।
- कुछ दिन पहले ही एक नेता पुत्र ने गर्भगृह में पूजन किया था। गर्भगृह में अवांछित लोगों को प्रवेश देने के लिए सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते हैं।
- मंदिर प्रबंधन समिति सूचना के अधिकार के तहत गर्भगृह में प्रवेश करने वालों की सूची नहीं देती है।
- याचिका में वीआईपी के नाम पर प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने या आम भक्तों को भी गर्भ गृह में जाने की अनुमति देने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों ही मांग खारिज कर दी।