इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि), Benefits Of Hasta Uttanasana। हस्त उत्तानासन एक ऐसा आसन है जो हाथों को उठाकर किया जाता है। इसे करने के लिए साधक सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं और दोनों हाथ कमर के आसपास रखें। अब सांस भरते हुए दोनों हाथों को आगे की ओर से उपर उठाएं। दोनों हाथों को कानों से लगाएं और हथेलियां सामने की ओर ही रखें। इस दौरान शरीर को एकदम सीधा ही रखें। फिर धीरे-धीरे कमर से पीछे की ओर झुकें। दृष्टि उपर की ओर ही रखें। साधक से पीछे की ओर जितना झुकते बने उतना ही झुकें और आंखें खुली ही रखें। पीछे झुकने के बाद श्वास-प्रश्वास समान्य ही रखें। साधक उतनी ही देर झुके रहे जितनी उसकी क्षमता हो। जरूरत से ज्यादा देर झुके रहने का प्रयास न करे। अब श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे सीधे हो जाएं। सांस छोड़ते हुए ही दोनों हाथों को सामने की ओर से नीचे लाएं और कमर के पास लगालें। दोनों पैर थोड़े से दूर करते हुए विश्राम करें। अब आंखें बंद करें और शरीर में जो भी तनाव आया है उसे महसूस करें।
इस आसन से रीढ़ लचिली होती है और कमरदर्द में लाभ होता है। इसके अलावा फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। श्वसनतंत्र और पाचनतंत्र में भी यह आसन बहुत लाभकारी होता है। इससे थायराइड और पैराथाइराइड ग्रंथी पर भी प्रभाव पड़ता है। अध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो अनाहद चक्र पर इसका असर पड़ता है। इसे करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे करते वक्त पूरे शरीर का संतुलन बनाकर रखें। जब हाथों को उपर ले जाएं तो कोहनी सीधी ही रखें। पीछे झुकते हैं तो आंखें बंद नहीं करें क्योंकि आंखें बंद करने से चक्कर भी आ सकते हैं।
वंदना सिंह, योग विशेषज्ञ