इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore News। पीडब्ल्यूडी निर्माणाधीन बंगाली फ्लाई ओवर की नई डिजाइन संबंधी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा। इसमें चौराहे के बीचोबीच ब्रिज के पिलर नहीं रखने का उल्लेख होगा। इसके साथ ही बीआरटीएस कारिडोर पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के स्वरूप और भविष्य को लेकर भी शुक्रवार को फैसला होगा। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और चीफ इंजीनियर (पुल) संजय खांडे दोनों प्रोजेक्टों की समस्याओं पर चर्चा के लिए इंदौर आएंगे और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे।
बुधवार को जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने इस संबंध में निर्देश दिए। मंत्री ने अफसरों से कहा कि फ्लाई ओवर की वर्तमान डिजाइन में सुधार करते हुए एक दिन में नया प्रस्ताव तैयार करें और उसे स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजें। प्रस्ताव में यह साफ उल्लेख किया जाए कि यह बंगाली फ्लाई ओवर का स्पान चौड़ा करने संबंधी प्रस्ताव है। वे रेसीडेंसी कोठी में इस संबंध में रखी गई बैठक में बोल रहे थे। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, आइडीए के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा और भाजपा नेता उमेश शर्मा के अलावा अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री ने बताया कि 18 जून को राज्य सरकार के वरिष्ठ अफसरों और 22 या 23 जून को पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से चर्चा कर समस्या का सकारात्मक समाधान निकाला जाएगा। 18 जून को पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर आएंगे। शाम को संभागायुक्त आफिस में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर फ्लाई ओवर और बीआरटीएस कारिडोर पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड को लेकर फैसला लिया जाएगा। एलिवेटेड रोड को लेकर यह फैसला होना है कि इसे बनाया जाए या नहीं और यदि बने तो बसें पुल पर चलेंगी या नीचे।
राशि की कमी नहीं आने देंगे
बैठक में मंत्री बोले कि सुगम यातायात, विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों और आमजन की भावना के अनुरूप बंगाली फ्लाई ओवर ब्रिज की डिजाइन में सुधार बहुत जरूरी है। इस समस्या का सकारात्मक समाधान होना चाहिए। इसके लिए राशि की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर भविष्य की जरूरतों और दूरगामी सोच के साथ नया प्रस्ताव तैयार करें और उसमें जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और आमजन के सुझाव शामिल करें। बैठक में सांसद और विधायक ने सुझाव देते हुए कहा कि सुगम यातायात के लिए ओवरब्रिज का स्पान चौड़ा करना बेहद जरूरी है। बंगाली फ्लाई ओवर केे स्पान को चौड़ा करने के लिए पीपल्याहाना ब्रिज की डिजाइन को भी आधार बनाया जाए। इसका भी विशेष ध्यान रखें कि भविष्य में कोई तकनीकी त्रुटि न हो।
हां में हां मिलाते रहे अधिकारी
जनप्रतिनिधियों केे तेवर देखकर बैठक में मौजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी हां में हां मिलाते रहे। किसी ने यह कहने की हिम्मत नहीं जुटाई कि आखिर मौजूदा डिजाइन क्यों बनाई गई और चौराहे केे बीच में पिलर बनने से बड़े वाहनों को मुड़ने में क्यों परेशानी होगी। इसके बजाय अफसरों ने भी माना कि वर्तमान डिजाइन से परेशानी हो सकती है और इसलिए इसे बदलने की जरूरत है।