Bengali Society Indore: मायके से आई मां दुर्गा के साथ सिंदूर खेला
Bengali Society Indore: अखंड सौभाग्य की कामना के साथ बंगाली समाज के दुर्गा पूजा उत्सव का समापन।
By gajendra.nagar
Edited By: gajendra.nagar
Publish Date: Fri, 15 Oct 2021 07:05:04 PM (IST)
Updated Date: Fri, 15 Oct 2021 07:05:04 PM (IST)

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Bengali Society Indore। बंगाली समाज के पांच दिनी दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दशहरे पर शुक्रवार को हुआ। सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी गई। पारंपरिक वेशभूषा में सुहागिनों ने मायके आई मां दुर्गा के गालों को पान के पत्तों का स्पर्श कराया। इसके बाद मांग को सिंदूर से भरकर पान और मिठाई का भोग लगाया। फिर एक-दूसरे को सिंदूर लगाया।
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बंगाली क्लब नौलखा में उत्सव का माहौल देखते ही बन रहा था। महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना की। क्लब के सांस्कृतिक सचिव अंबुज दत्ता के मुताबिक माना जाता है कि मां दुर्गा नवरात्र में परिवार के साथ अपने मायके आती हैं। उनका सत्कार घर आई बेटी की तरह किया जाता है। सिंदूर खेला के बाद विसर्जन के लिए माता को विदाई दी गई। इस साल प्रशासन ने विदाई के लिए सिर्फ दस लोगों को अनुमति दी थी। विधि-विधान से मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश व कार्तिकेय को विदाई दी गई। विसर्जन बेटमा में किया गया। इस मौके पर क्लब के अध्यक्ष अशोक मुखर्जी, सचिव जयंतनाथ चौधरी, दुर्गा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष रवि नंदी आदि उपस्थित थे।
विदाई के समय दी श्रृंगार और भोजन सामग्री
जिस तरह बेटी की विदाई के दौरान उपहार दिए जाते हैं, ठीक वैसे ही मां के साथ पोटली में श्रृंगार और भोजन सामग्री भी रखी गई, ताकि मां को देवलोक के मार्ग में किसी तरह की परेशानी न हो। इस प्रथा को देवी बोरन कहा जाता है। मां दुर्गा को सफेद और लाल चूड़िया पहनाकर विदाई दी जाती है।
पहले पांच वरिष्ठ महिलाओं ने किया सिंदूर दान
संप्रीति वूमेंस वेलफेयर सोसायटी ने बापट चौराहे के पास पांचाल गार्डन में सिंदूर खेला का आयोजन किया। माता को पहले पांच वरिष्ठ महिलाओं ने सिंदूर दान किया। इसके बाद सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मिठाई खिलाई। भरे मन से माता को विदाई दी गई। इस मौके पर राखी देब, प्रियंका वासु, कृष्ण गांगोली, जीता दास, अंकिता दास आदि मौजूद थीं। इस अवसर पर महाप्रसादी भी हुई।