8 लाख निवेशकों से 4 हजार करोड़ ठगने वाले गैंगस्टर भाटी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज
बाइक बोट स्कैमः पूरे देश में फर्जीवाड़ा कर चुका है आरोपित, यूपी में गैंगस्टर एक्ट, मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई मामले हैं दर्ज
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। देश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के सरगना संजय भाटी और उसकी कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि. के विरुद्ध खुड़ैल थाना पुलिस ने विकास गर्ग की शिकायत पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। संजय भाटी पर उप्र में गैंगस्टर एक्ट, मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी के कई प्रकरण दर्ज हैं। ईडी नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर, इंदौर सहित कई शहरों की 104 करोड़ की संपत्ति और 22 बैंक खातों को सीज भी कर चुका है। आरोपित बसपा का पदाधिकारी रह चुका है। प्रकरण दर्ज होने पर पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
टीआइ रुपेश दुबे के मुताबिक गोकुलनगर कनाड़िया रोड निवासी विकास गर्ग ने रिपोर्ट लिखवाई कि संजय भाटी ने वर्ष 2017 में बाइक बोट के नाम से स्कीम शुरू की थी। इसमें एक बाइक की कीमत 62,100 रुपये निवेश करने पर एक साल में 1 लाख 17 हजार 180 रुपये बारह किश्तों में लौटाने का प्रलोभन दिया। बाइक टैक्सी के रूप में चालाई जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। उसने विभिन्ना शहरों में एजेंट और फ्रेंचाइजी नियुक्त कर दिए और उन्हें इनाम में फॉर्च्यूनर कार देने का लालच दिया। एजेंटों ने सैकड़ों लोगों को जोड़ कर कंपनी के खातों में करोड़ों रुपये जमा करवा दिए। आरोपित ने दो साल में इंदौर के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोहना, पानीपत, जयपुर व अन्य कई शहरों में भी फ्रेंचाइजी देकर करीब 8 लाख लोगों से 4 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये जमा करवा लिए। पिछले वर्ष नोएडा व दिल्ली पुलिस ने संजय भाटी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया तो कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाला था सरगना
संजय भाटी ने साल 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि. के नाम से कंपनी बनाई और 2017 में बाइक बोट नाम से स्टार्टअप शुरू किया। कंपनी ने करीब 50 शहरों में अपना एप लॉन्च कर दावा किया कि इसके जरिए बाइक टैक्सी बुक की जाएगी जिससे ग्राहक को गंतव्य तक छोड़ा जाएगा। यह एक तरह से ओला और उबर जैसी बाइक टैक्सी सर्विस थी। इसकी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर और लखनऊ, जयपुर, इंदौर सहित कई शहरों में शुरुआत की गई थी।