इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Bio Diesel Indore News। खाद्य तेल को बार-बार गर्म कर उपयोग करने से स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है। जले तेल का निस्तारण करना परिवारों के लिए बड़ी समस्या रहता है। अब नगर निगम घर-घर से उपयोग हो चुके जले तेल को एकत्र करेगा और इसका बायोडीजल बनाएगा। सफाई में नवाचार करने वाले इंदौर में फल-सब्जियों के कचरे के बायो सीएनजी बनाने जैसे प्रयोग के बाद अब यह अनूठा प्रयोग शुरू होगा। निगम का दावा है कि इंदौर पहला शहर है जहां घरों से इस तरह जला तेल एकत्र किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को अमल लाने के लिए शुक्रवार को नगर निगम व एमजी रिन्यूएबल एनर्जी एलएलपी के बीच अनुबंध हुआ है। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को वार्ड नंबर 73 के सैफी नगर व वार्ड नंबर 47 के विजयनगर क्षेत्र में लागू किया किया जाएगा।
ढाई लाख परिवारों से एक लाख लीटर तेल मिलने का अनुमान
एमजी रिन्यूएबल एनर्जी एलएलपी के संचालक विजय ओसवाल के मुताबिक इंदौर शहर में करीब साढ़े छह लाख घर होने का अनुमान है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि इनमें से करीब ढाई लाख परिवारों से प्रतिमाह एक लाख 10 हजार लीटर जला हुआ तेल मिल सकेगा। इससे बायोडीजल बनाया जाएगा। इस जले हुए तेल को इंडियन आयल कंपनी की मांगलिया यूनिट को दिया जाएगा। इसे डीजल में मिलाया जाएगा। इस तरह सरकार द्वारा ईंधन में जो पांच प्रतिशत बायोडीजल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है वो भी पूरा होगा। इससे पर्यावरण को फायदा होगा।
अभी सिर्फ 15 हजार लीटर ही मिल रहा तेल
- शहर में होटल, रेस्टोरेंट, कचोरी-समोसे की दुकानों में उपयोग हुए तेल को बायोडीजल बनाने के लिए देना अनिवार्य है।
- इंदौर में करीब 2 हजार छोटे व बड़े फूड बिजनेस आपरेटर हैं
- इनमें से सिर्फ 70 से 75 संस्थान हर माह जला हुआ तेल दे रहे हैं
- अभी करीब 15 हजार लीटर तेल ही मिल पा रहा है
रहवासियों को मिलेंगे प्रति लीटर 15 रुपये
- वार्ड नंबर 73 व वार्ड नंबर 47 में निगम द्वारा अधिकृत एनजीओ के प्रतिनिधि पहुंचेंगे
- लोगों को जले हुए तेल के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे
- रहवासियों को प्रति लीटर तेल पर 15 रुपये का भुगतान भी किया जाएगा
- वार्ड नंबर 73 में करीब 137 मल्टी व सोसायटी हैं
- इसके अलावा यहां पर करीब पांच हजार घर हैं
- इन सभी स्थानों पर कलेक्शन पाइंट बनाए जाएंगे
- यहां पर ड्रमों में जला हुआ तेल एकत्र किया जाएगा।
- प्रत्येक घर में एक-एक बोतल दी जाएगी जिसमें वो जला हुआ तेल दे सकेंगे
- उनसे हर सप्ताह या महीने में एक बार जला हुआ तेल एजेंसी एकत्र करेगी
लोगों को करेंगे जागरूक
शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए देश में पहली बार नगर निगम निजी एजेंसी के माध्यम से घरों में उपयोग हुए तेल को डोर टू डोर एकत्र करेगी। नागरिकों को जले हुए तेल से स्वास्थ्य संबंधी होने वाले नुकसान की जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा
प्रतिभा पाल, निगमायुक्त
तेल बार-बार उपयोग करने से कैंसर की आशंका
खाने के तेल को बार-बार गर्म करने से तेल के अंदर ट्रांसफैट बनते हैं। इससे बनी चीजों का उपयोग करने से कोलेस्ट्राल बढ़ता है। इससे शरीर की कोशिकाओं को भी नुकसान होता है। अगर लगतार इस तरह के तेल का उपयोग किया जाए तो हृदय की धमनियां प्रभावित हो सकती हैं। तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें नाइट्रोसामिन तत्व बनते हैं जिसके कारण कैंसर होने की आशंका भी बढ़ जाती है।