चलते-चलते, उज्ज्वल शुक्ला Chalte-Chalte Indore:
कुछ वर्षों पहले तक देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का सम्मान रखने वाली बीएसएनएल के हाल इन दिनों कैसे हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद आई अन्य निजी कंपनियां जहां 5जी नेटवर्क ले आई हैं, वहीं यह कंपनी अब भी 3जी के भरोसे ही चल रही है। कंपनी अब जाकर अगले तीन-चार माह में अपनी 4जी सेवा शुरू करने की तैयारी में है। ऐसे में कंपनी के यूनियन नेताओं ने केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया है कि जब तक कंपनी की 4जी आए, तब तक कंपनी को एक निजी कंपनी की 4जी सेवा का उपयोग करने की अनुमति दे दी जाए। इस निजी कंपनी के 30 प्रतिशत शेयर 3जी नेटवर्क पर चल रही सरकारी कंपनी के पास ही है। पूरे प्रहसन में एक एंगल यह भी है कि चुनावी माहौल में सरकारी कंपनी जुगाड़ से 4जी सेवा शुरू कर इसे मोदी सरकार की उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करना चाहती है।
अच्छे-अच्छों को आ रहे सांसदी के सपने
लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। पिछले चुनाव में इंदौर लोकसभा सीट से भाजपा ने पांच लाख से अधिक मतों से प्रचंड जीत दर्ज की थी। नगर निगम और विधानसभा चुनाव के परिणामों को देखकर लग रहा है कि इस बार भाजपा के पक्ष में और भी अच्छा माहौल है। ऐसे में पार्षदों से लेकर हर छोटा-बड़ा नेता इन दिनों लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहा है। भाजपा के अधिकांश पार्षद, पूर्व पार्षद, चुक चुके पदाधिकारी इन दिनों दिल्ली, भोपाल एक किए हुए हैं। हर कोई राजधानी में जाजम जमाए बैठे अपने आका के सहारे लोकसभा चुनाव के टिकट की जुगाड़ भिड़ा रहा है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जिस तरह के फैसले लेकर आजकल चौंका रहा है, ऐसे में क्या पता इस बार भी चौंका ही दे। वैसे चौंकने के लिए कई चौकन्ने होकर बैठे हैं।
शहर हित में यह मुहिम चलती रहनी चाहिए मित्र
प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद इंदौर के छोटे सरकार यानी महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी एक्शन में दिखाई दिए। तब अतिक्रमण, स्वच्छता व फुटपाथ पर कब्जों को लेकर महापौर ने मैदान में उतरकर अच्छे संकेत दिए थे। फिर नगर निगम ने मुहिम चलाकर वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में रहे बाजारों को कब्जा मुक्त करना शुरू किया। महापौर व निगम ने अपनी इस मुहिम को लगातार चलाते रहने की बात भी कही। हालांकि जिन इलाकों को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया था, वहां पर अब फिर से कब्जे नजर आने लगे हैं। पिछले एक माह से शहर के मध्य क्षेत्र में वैसी सख्ती नजर नहीं आ रही, जैसी एक माह पूर्व दिख रही थी। बहरहाल, खजराना में कब्जे तोड़ने वाली मुहिम चलाकर मित्र ने अच्छे संकेत दिए हैं। अब शहर के यातायात के हित में यह मुहिम लगातार चलती रहनी चाहिए। अब एक बार फिर से बाजारों पर भी नजरें इनायत करने की आवश्यकता है।
आजकल कम देखने को मिलती हैं ऐसी कथाएं
शहर में किसी मैदान या मंदिर में कोई कथा चल रही हो, तो आप क्या कल्पना करते हैं। आजकल होने वाली कथाओं में बड़े-बड़े पंडाल, टेंट, मंच, यातायात जाम ही देखने को मिलते हैं। इन सबके विपरीत इंदौर में एक ऐसी रामकथा चल रही है, जिसमें न बड़ा मंच बना है, न टेंट लगा है, न ही भंडारा हो रहा है और न ही कोई भजन-संगीत हो रहा है। यह कथा इंदौर के गजासीन शनिधाम पर बेहद सादगीपूर्ण तरीके से चल रही है। महामंडलेश्वर दादू महाराज संस्थान द्वारा आयोजित कथा को सुनने कोई भक्त आए या न आए, कथा अपने तय समय पर शुरू और तय समय पर पूर्ण हो रही है। इसे घड़ी मिलाकर देखा जा सकता है। आज के दौर में जब कथाओं का आयोजन श्रद्धा, भक्ति, आस्था से ज्यादा दिखावा बन चुका है, ऐसे दौर में इस प्रकार के कथा आयोजन विरले ही देखने को मिलते हैं।