Choithram Mandi Indore News: चोइथराम मंडी में अपनी करोड़ों की संपत्ति दुकानदारों को सौंपकर खाली हाथ बैठा मंडी प्रशासन
Choithram Mandi Indore News: मंडी में 210 दुकानों की लीज अवधि खत्म हो चुकी है, लेकिन दुकानें अब भी उन्हीं दुकानदारों के कब्जे में है।
By gajendra.nagar
Edited By: gajendra.nagar
Publish Date: Sat, 06 Nov 2021 03:08:16 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Nov 2021 03:08:16 PM (IST)

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Choithram Mandi Indore News। सब्जी और फल की सब्जी की प्रदेश की सबसे बड़ी देवी अहिल्याबाई होल्कर (चोइथराम) फल और सब्जी मंडी की 210 दुकानों की लीज को लेकर पांच साल से भारी अनियमितता का दौर चल रहा है। मंडी प्रशासन और मंडी बोर्ड अपनी ही संपत्ति को दुकानदारों को सौंपकर खाली हाथ बैठे हैं। पांच साल से चोइथराम मंडी में 210 दुकानों की लीज अवधि खत्म हो चुकी है, लेकिन दुकानें अब भी उन्हीं दुकानदारों के कब्जे में है।
नए सिरे से इन दुकानों को लीज पर देने से मंडी बोर्ड और सरकार को करीब 225 करोड़ का राजस्व मिल सकता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पांच साल से चुप बैठे हैं। दिखावे के लिए मंडी समिति ने इन दुकानदारों के लायसेंसों का नवीनीकरण नहीं किया है, लेकिन दुकानदार उन्हीं दुकानों पर कब्जा जमाकर अपना कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में पूरा मामला व्यापारियों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत को साबित करता है। मंडी बोर्ड और मंडी समिति चाहती तो लीज खत्म होने के बाद दुकानदारों को बेदखल कर सकती थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया। चोइथराम मंडी की 210 दुकानें 1986 में 30 साल की लीज पर दी गई थी। तीस साल की यह लीज अवधि अप्रैल, 2016 में खत्म हो गई। अब इन दुकानों की लीज राशि करोड़ों में पहुंच चुकी है। बताया जाता है कि मंडी की 70 फीसदी दुकानों पर मूल लीजधारक काबिज न होकर दूसरे ही दुकानदार कारोबार कर रहे हैं। मूल लीजधारकों ने लीज की दुकानें या तो बेच दी हैं या किराए पर दे दी है और इससे लाखों रुपये कमा रहे हैं।
दुकान आवंटन नियम के अनुसार लीज की दुकान को बेचना या किराए पर देना लीज आवंटन नियमों का उल्लंघन है। यदि मंडी समिति या मंडी बोर्ड इसकी जांच कराए तो हकीकत सामने आ सकती है कि दुकानों पर मूल लीजधारक कारोबार नहीं, बल्कि दूसरे कारोबारी काबिज हैं। इस तरह पूरा मामला मंडी अधिकारियों और दुकानदारों की मिलीभगत का है।