इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore News। अब इंस्टीट्यूट आफ कास्ट अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीओएआइ) और इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेटरी आफ इंडिया (आइसीएसआइ) से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को ग्लोबल स्तर के अकाउंटिंग सिस्टम जानने और समझने के लिए मिलेंगे। विद्यार्थियों के लिए बाहर के संस्थानों की सदस्यता लेना भी आसान हो जाएगा। लंबे समय से आइसीओएआइ और आइसीएसआइ ने विद्यार्थियों को ग्लोबल एक्सपोजर देने के लिए इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक अकाउंटेंट्स (आइपीए) आस्ट्रेलिया, चार्टर्ड इंस्टीट्यूट आफ सिक्यूरिटीज एंड इन्वेसमेंट (सीआइएसआइ) यूके, इंस्टीट्यूट आफ सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स श्रीलंका और इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड सिक्यूरिटीज एंड एडमिनिस्ट्रेशन (आइसीएसए) यूके के साथ समझौता किया हुआ है।
भारत के अकाउंटिंग संस्थान विदेशों के संस्थानों के साथ मिलकर काम कर सके इसके लिए केबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है। आइसीएसआइ के पूर्व अध्यक्ष सीएस आशीष गर्ग का कहना है कि समझौते के तहत सभी संस्थान नालेज शेयरिंग करेंगे। कांफ्रेंस, वर्कशाप, सेमिनार और मिलकर रिसर्च और प्रोजेक्ट वर्क भी किए जाएंगे। ऐसा भी प्रावधान किया गया है कि बाहर के देशों के संस्थानों द्वारा संचालित पाठ्यक्रम में से अगर विद्यार्थी कुछ पेपर की परीक्षा पास कर लेते हैं तो वे बाहर के संस्थानों में भी सदस्य बन सकते हैं और वहां के लिए भी काम कर सकते हैं।
कंपनी सेक्रेटरी के देशभर में 65 हजार सदस्य है
आइसीएसआइ के सदस्यों की संख्या देशभर में करीब 65 हजार है। इंदौर में करीब 800 सदस्य है। यह सभी विभिन्न कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। आइसीएसआइ इंदौर के पूर्व अध्यक्ष सीएस मनोज भंडारी का कहना है कि देशभर में इस समय कंपनी सेक्रेटरी कोर्स की पढ़ाई करने वालों की संख्या करीब पांच लाख है। इसके अलावा आइसीओएआइ के भी हजारों विद्यार्थियों को नई सौगात मिलने से बाहर के देशों के अकांउटिंग सिस्टम को समझने और खुद को दुनिया के सिस्टम के हिसाब से तैयार होने का मौका मिलेगा।