इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Competitive Exam Indore। संक्रमण के मामले कम होने के बाद शहर में परीक्षा की तैयारी करने के लिए आने वाले विद्यार्थियों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। संक्रमण की दूसरी लहर में ज्यादातर विद्यार्थी अपने घर चले गए थे। इस समय शहर के विश्वविद्यालयों और कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और कोचिंग संस्थानों को भी सीमित क्षमता के साथ कक्षाएं संचालित करने की अनुमति मिल चुकी है। इसके बाद से लगातार बाहर के विद्यार्थियों की संख्या में शहर में बढ़ने लगी है। इसका असर होस्टलों पर देखने को मिल रहा है। कम किराए में सरकारी कालेजों के होस्टलों की तलाश की जा रही है लेकिन कुछ मामलों में विद्यार्थियों को निराशा हाथ लग रही है।
सरकारी कालेजों के होस्टलों में अभी नए प्रवेश नहीं दिए जा रहे। महामारी के कारण से करीब डेढ़ साल से होस्टलों में नए प्रवेश नहीं दिए गए। इससे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को मजबूरन प्राइवेट होस्टलों में रहकर ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 10 होस्टल है। इनमें पिछले वर्ष कई विद्यार्थियों को होस्टल अलाट नहीं किए गए थे। महामारी के कारण जो विद्यार्थी रह रहे थे उनमें से भी कई ने होस्टल के रूम खाली कर दिए हैं और सामान अपने घर ले जा चुके हैं। अब ऐसे विद्यार्थी वापस शहर में लौट रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस बार सीईटी की काउंसिलिंग प्रक्रिया के समय होस्टल अलाट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शहर के श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) ने भी नए विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए सालों से होस्टलों में रह रहे विद्यार्थियों को कमरे खाली करने के निर्देश जारी किए हैं।
संस्थान का कहना है किमहामारी के बाद घर गए कई विद्यार्थी अब वापस लौट रहे हैं लेकिन अब कालेज में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए होस्टल में कमरों की व्यवस्था करना है। ऐसे में जिन विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी होने वाली है उन्हें कमरे खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। इंदौर कोचिंग एसोसिएशन के सलाहकार अजय बंसल का कहना है कि सीमित संख्या में कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं लगने के बाद हजारों विद्यार्थी वापस शहर आ गए हैं। इनके लिए उचित शुल्क में होस्टल की सुविधा की जरूरत है। को®चग संचालक इसमें विद्यार्थियों की मदद कर रहे हैं। सिविल सर्विसेस परीक्षा के विशेषज्ञ प्रदीप श्रीवास्तव का कहना है किकुछ परीक्षा की तैयारी आनलाइन करना संभव नहीं होता है। ऐसे में लंबे समय से विद्यार्थी कोचिंग शुरू करने का इंतजार कर रहे थे। अब काफी संख्या में विद्यार्थी शहर आ गए हैं। अगले दिनों में कालेजों में भी अगर नियमित कक्षाएं शुरू होती है तो कोरोना के पहले जिस तरह का माहौल शहर का हुआ करता था वैसा फिर से शहर में दिखाई देने लगेगा।