नर्मदा शिप्रा संगम का गारंटी पीरियड खत्म होने को, नहीं सौंपा पर्यटन विभाग को
पर्यटन स्थल बनाने का फैसला लिया गया, अब उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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Publish Date: Tue, 07 Nov 2017 03:59:44 AM (IST)
Updated Date: Tue, 07 Nov 2017 03:59:44 AM (IST)

इंदौर। तीन साल पहले जिस नर्मदा-शिप्रा संगम पर कैबिनेट की बैठक हुई, उसके आसपास के इलाके को बड़ा पर्यटन स्थल बनाने का फैसला लिया गया, अब उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अभी उसका रखरखाव ठेकेदार कंपनी ही संभाल रही है। दो महीने बाद गारंटी पीरियड खत्म हो जाएगा, लेकिन स्थल को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया।
पहले तय हुआ था कि उसे पर्यटन विकास निगम को सौंप कर बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब उसके आसपास अतिक्रमण होने लगे हैं। पार्किंग की सुविधा भी नहीं है।
शिप्रा के उद्गम स्थल उज्जैनी गांव की टेकरी पर शिप्रा माता का मंदिर है, उस गांव तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 400 एमएलडी नर्मदा जल लाकर शिप्रा नदी में जोड़ा है। नर्मदा-शिप्रा के इस संगम स्थल पर 2 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च कर वहां गार्डन बनाया गया।
पहाड़ी के नीचे से निकल रहे झरने से बहते पानी को दो घाटों में रोका गया, जहां लोगों के स्नान करने की व्यवस्था भी की गई है। पहले इस स्थल पर काफी लोग आते थे, लेकिन ठीक से रखरखाव नहीं होने के कारण अब पर्यटकों का आकर्षण भी धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। न ठीक से सफाई होती है और न ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई गतिविधियां संचालित हो रही हैं। इस बारे में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर रोहित रंजन से जानकारी चाही गई है तो उन्होंने कहा कि स्थल को लेकर पहले क्या योजना तैयार हुई है, उसकी जानकारी निकाली जा रही है। रखरखाव को लेकर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा।