
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सीतलामाता बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस बाजार की दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को निकालने की मुहिम के खिलाफ विरोध दर्ज करवाने और व्यापारियों से चर्चा करने के लिए सिंह बाजार पहुंचे थे। उनके पहुंचने से पहले ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बाजार में मोर्चा संभाल लिया था।
पूरे सीतलामाता बाजार, शकर बाजार को भगवा झंडों और पोस्टरों से पाट दिया। इस बीच भारी पुलिस बल भी लगा दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने बाजार में बने सीतलामाता मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जाहिर की तो पुलिस ने रोक दिया। बहस के बाद सिंह बोहरा बाजार के रास्ते से पैदल ही सराफा थाने की ओर पहुंचे और विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग रखी।
नईदुनिया ने सबसे पहले 12 सितंबर को खबर प्रकाशित की थी कि सीतलामाता बाजार से मुस्लिम कर्मचारियों के साथ किराएदार, दुकानदारों को भी निकाला जा रहा है। विधायक पुत्र और हिंद रक्षक संगठन के कर्ता-धर्ता एकलव्य गौड़ के निर्देश के बाद व्यापारी एसोसिएशन ने यह मुहिम छेड़ी है। कांग्रेस ने इस बारे में पुलिस को शिकायत की थी।

थाने पहुंचे सिंह ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि किसी को रोजगार-व्यापार करने से नहीं रोका जा सकता। धर्म के आधार पर नफरत फैलाना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने मामले में प्रकरण दर्ज करने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच कर रहे हैं तो सिंह ने कहा कि सारे तथ्य सामने हैं, फिर किस चीज की जांच हो रही है। जब सिंह थाने से बाहर निकले तो सामने हिंदू संगठन के कार्यकर्ता जमा हो गए। कांग्रेसियों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी हुई। सिंह की गाड़ियों पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने चूड़ियां फेंक दीं।
प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा कि सीतलामाता बाजार में हो रहा घटनाक्रम निंदनीय है। पहले मप्र पुलिस अच्छी थी लेकिन अब दुख है कि मुझे सीतलामाता मंदिर में दर्शन करने से भी रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि धर्म के ठेकेदार अपने लाभ के लिए धर्म और नफरत बेच रहे हैं। आइ लव मुहम्मद के नारों में आपत्ति क्या है? मैं हिंदू हूं तो आई लव राम बोल सकता हूं, जो बौद्ध है वो आई लव गौतम बोल सकता है, जैन आई लव महावीर बोल सकता है, लेकिन भाजपा वाले इसे सांप्रदायिक रंग देकर मुसलमानों को टारगेट कर रहे हैं।
सीतलामाता बाजार की दुकानों से मुस्लिम सेल्समैन और भागीदारों को हटाने के विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ के फरमान पर राजनीति धीरे-धीरे गर्माने लगी है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता संभागायुक्त सुदाम खाड़े से मिले और पूरे प्रकरण पर प्रशासन की खामोशी पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने विधायक पुत्र पर एफआइआर दर्ज करने की मांग करते हुए चेतावनी दी। इस बीच बाजार में भी इस पूरे प्रकरण पर सरगर्मी तेज हो गई है।

दरअसल एक दिन पहले ही दस मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बात सामने आई। इस बीच कुछ हिंदू-मुस्लिम व्यापारियों ने साथ मिलकर इस मनमाने आदेश का विरोध भी कर दिया। मामले में 12 सितंबर को नईदुनिया में खबर प्रकाशित की गई थी। इसमें कहा था कि महिला वस्त्रों के सबसे बड़े सीतलामाता बाजार से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्देश एकलव्य गौड़ ने व्यापारियों को दिया है।

लव जिहाद की घटनाओं को रोकना इसका कारण बताया जा रहा है। इस बीच बाजार से कुछ व्यापारियों ने ऐसे कर्मचारियों को निकाल भी दिया। मुस्लिम समाज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और समाज के लोगों से इन बाजारों में खरीदी न करने का आह्वान कर दिया।

शुक्रवार शाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, पूर्व पार्षद दीपू यादव और अमित पटेल संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। पटवारी ने संभागायुक्त खाड़े से कहा कि शहर का माहौल और व्यापार दोनों बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। आखिर क्यों एकलव्य गौड़ पर एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही? पटवारी ने संभागायुक्त से कहा कि गौड़ न कोई मंत्री है, न जनप्रतिनिधि है फिर वह किस हैसियत से व्यापारियों को आदेश दे रहा है।