MP के जिला अस्पतालों में होगा कॉर्निया ट्रांसप्लांट, 1 जुलाई से शुरू होगी ट्रेनिंग
मध्य प्रदेश सरकार जिला अस्पतालों में कार्निया प्रत्यारोपण सुविधा शुरू कर रही है। पहले चरण में इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में यह सुविधा मिलेगी। इसके लिए डॉक्टरों और तकनीशियनों को 1 जुलाई से इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह योजना छोटे जिलों में आंखों के इलाज को आसान बनाएगी और नेत्रदान को भी बढ़ावा देगी।
By Himadri Hada
Edited By: Himadri Hada
Publish Date: Fri, 06 Jun 2025 11:11:30 AM (IST)
Updated Date: Fri, 06 Jun 2025 12:30:20 PM (IST)
मध्य प्रदेश के जिलों में ही अब आसानी से हो सकेगा आंखों का इलाज। प्रतीकात्मक तस्वीरHighLights
- ट्रेनिंग 1 जुलाई से इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में होगी शुरू।
- ट्रेनिंग खत्म होने के 3 महीने बाद हर प्रत्यारोपण केंद्र चालू हो जाएंगे।
- नेत्रदान को मिलेगा बढ़ावा, ज्यादा मरीजों को मिल पाएगी रोशनी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नेत्रदान को बढ़ावा देने और ज्यादा लोगों तक इलाज पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है। अब प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में कार्निया (आंख का पारदर्शी हिस्सा) प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) ने प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है।
कॉर्निया ट्रांसप्लांट की हुई पहल
इस योजना के पहले चरण में इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों के अस्पतालों में प्रत्यारोपण केंद्र शुरू होंगे। इन जिलों में डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे अपने-अपने जिलों में यह सुविधा शुरू कर सकें।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग का काम 1 जुलाई से इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा। डॉक्टरों को एक महीने और तकनीशियनों को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम देगी। इस विभाग में हर साल करीब 100 कार्निया प्रत्यारोपण पहले से ही किए जाते हैं और यहां नेत्र बैंक भी है।
राज्य के अधिकांश जिला अस्पतालों में पहले से ही ऑपरेशन थिएटर, माइक्रोस्कोप और जरूरी उपकरण मौजूद हैं क्योंकि वहां मोतियाबिंद जैसी सर्जरी होती है। इसलिए कार्निया ट्रांसप्लांट जैसी प्रक्रिया को भी वहां आसानी से शुरू किया जा सकता है।
इन जिलों में पहले शुरू होगी सुविधा
- इंदौर संभाग के - आलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा और खरगोन।
- उज्जैन संभाग के - देवास, आगर-मालवा, शाजापुर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर और नीमच।
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एमवाय अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की एचओडी डॉ. प्रीति रावत के अनुसार, इस पहल से उन मरीजों को राहत मिलेगी जो पैसों की कमी या दूरी के कारण बड़े शहरों में इलाज नहीं करवा पाते। अब उन्हें अपने जिले में ही आंखों के प्रत्यारोपण की सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही नेत्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे ज्यादा मरीजों को रोशनी मिल पाएगी।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि यह योजना स्वास्थ्य विभाग और शासन के सहयोग से लागू की जाएगी। ट्रेनिंग खत्म होने के तीन महीने बाद हर जिले में प्रत्यारोपण केंद्र चालू हो जाएंगे।