इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि DAVV Indore News। तीन महीने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का अटका 350 करोड़ का बजट कार्यपरिषद ने पास कर दिया है, जिसमें सदस्यों ने मामूली बदलाव का सुझाव दिया है। एसटी-एससी वेलफेयर फंड को 39 लाख से बढ़कर दो करोड़ रुपये किया है। यहां तक दीनदयाल उपाध्याय केंद्र की राशि अब दस लाख रुपये रहेगी। विभागों के नए निर्माण व कायाकल्प प्रस्ताव भी मंजूर हुए है।
संक्रमण के चलते साल की दूसरी कार्यपरिषद बैठक सोमवार को दोपहर 12 बजे नालंदा परिसर में होना थी। मगर वहां कर्मचारियों पहले से मौजूद थे, जिन्होंने नारेबाजी कर सदस्यों से मुलाकात की। कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों के स्थायी करने, अनुकंपा नियुक्त सहित अन्य मांगे बताई। फिर छात्रनेताओं ने भी विश्वविद्यालय की फीस माफ किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया। छात्र नेताओं का कहना है कि यूटीडी में फीस कम करें। यहां तक जिन विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति नहीं आई है। उन्हें परीक्षा से वंचित नहीं किया जाए।
छात्र संगठन की मांग पर सदस्यों ने भी आश्वासन दिया। 350 करोड़ का बजट मंजूरी मिलने के बाद टीचर्स वेलफेयर फंड का इस्तेमाल पर भी सदस्यों ने चर्चा की। फंड में करीब चार करोड़ की राशि विश्वविद्यालय के पास है, जिसमें कुछ सालों का हिसाब जोड़ना बाकी है। बताया जाता है कि यह राशि लगभग पांच करोड़ तक पहुंच सकती है। प्रस्ताव में इस राशि से गेस्ट हाऊस और हेल्थ सेंटर का निर्माण पर बहस हुई। फिलहाल सदस्यों ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। अधिकारियों के मुताबिक टीचर्स वेलफेयर फंड से शिक्षकों का इलाज और लोन की सुविधा पहले ही मंजूर हो गई है।
नहीं लगेंगी फीस
विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे विद्यार्थियों की फीस माफ करने का प्रस्ताव रखा है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खो दिया है। अगले सत्र में प्रवेश के दौरान इन विद्यार्थियों को प्राथमिकता देने पर भी सदस्यों ने जोर दिया है। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना की वजह से यूटीडी में फीस नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है, जिसे सदस्यों ने मंजूरी दी। हालांकि एनआरआई कोटे की फीस में जरूर वृद्धि हुई है। बैठक में सदस्य डा. मंगल मिश्र ने बीते दिनों एक प्रश्न पत्र में भगवान राम के नाम के आगे अपशब्द का इस्तेमाल किया था। ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए संत, भगवान और महापुरूषों के नाम से प्रश्न पूछने से बचना चाहिए। सदस्य जगदीश चौहान ने जिन शिक्षकों पर ईओडब्ल्यू प्रकरण चल रहे हैं उन्हें हटाया जाए। विश्वविद्यालय में दो प्रोफेसर के नाम बताए। जवाब में कुलपति डा. रेणु जैन ने कहा कि ईओडब्ल्यू ने उन प्रोफेसरों पर प्रकरण दर्ज नहीं किया है। सिर्फ जांच चल रही है। इसके चलते हटाने का फैसला लेना जल्दबाजी होगा।
इन मुद्दों पर भी मिली मंजूरी
- विश्वविद्यालय के विभागों में पढ़ाने वाले सारे शिक्षकों का बायोडाटा वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।
- आइईटी और एमएसएमई के बीच दो साल का करार फिर बढ़ाया।
- रिजल्ट और मार्कशीट बनाने में इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर खरीद को मंजूरी। यहां तक रखरखाव के लिए भी राशि बढ़ाई।
- 2021-22 में होने वाली परीक्षा में नकल प्रकरण के लिए भी कमेटी बनाई। अध्यक्ष डा. रत्नेश गुप्ता, डा. सुधा सिलावट और परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी होंगे।
- ईएमआरसी के प्रो. अखिलेश सिंह को प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर नियुक्त किया है। उनकी प्रतिनियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की।