नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर DAVV Indore। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अंकसूची खत्म हुए तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। दिसंबर में विश्वविद्यालय ने एक लाख मार्कशीट सप्लाय को लेकर टेंडर निकाला था, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आधारित इन अंकसूचियों की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। कारण यह है कि टेंडर में किसी भी एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। मजबूरन विश्वविद्यालय प्रशासन को टेंडर की मियाद बढ़ाना पड़ गई है। साथ ही कुछ शर्तों में भी संशोधन किया गया है। एजेंसियों को आवेदन करने के लिए सप्ताहभर का समय और दिया है। उधर अंकसूची नहीं होने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
स्नातक पाठ्यक्रम में एनईपी लागू हो चुकी है, जिसमें बीए, बीकाम, बीएससी, बीबीए, बीसीए, बीएसडब्ल्यू, बीजेएमसी सहित अन्य कोर्स है। प्रत्येक वर्ष एक से सवा लाख विद्यार्थियों का नामांकन होता है। इनकी वार्षिक प्राणाली के अंतगर्त परीक्षा होती है। विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने के बाद क्रेडिट पाइंट दिए जाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अंकसूची प्रारूप के आधार पर नया साफ्टवेयर बनाया है।
हर साल विश्वविद्यालय को तीन से चार लाख अंकसूची आवश्यकता पड़ती है, जो तीन महीने पहले खत्म हो गई है। अगस्त में ही आइटी सेंटर ने अंकसूची के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत करा दिया था, लेकिन भंडार से अंकसूची की सप्लाय को लेकर प्रक्रिया नहीं की गई। इस बीच विधानसभा चुनाव के चलते टेंडर नहीं निकाला जा सका। आचार संहिता खत्म होने के बाद विश्वविद्यालय को नई अंकसूची की याद आई।
इस दौरान स्टाक में रखी पचास हजार अंकसूची भी खत्म हो गई। अब विद्यार्थियों को कम्प्युटराइज्ड अंकसूची को सत्यापित करवाना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अंकसूची की आवश्यकता माइग्रेशन और कालेज से टीसी के दौरान लगती है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय ने कम्प्युराइज्ड अंकसूची को सत्यापित करने की जिम्मेदारी परीक्षा और गोपनीय विभाग के अधिकारियों को दे रखी है।
नहीं आया कोई आवेदन
अंकसूची की सप्लाय के लिए विश्वविद्यालय ने टेंडर निकाला है। महीनेभर में एक भी एजेंसी ने सप्लाय करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब विश्वविद्यालय ने तीन से चार चरण में अंकसूची मांगी है। एक बार में एजेंसी को एक लाख खाली अंकसूची देना है। कुलपति के निर्देश के बाद फिर टेंडर की अवधि बढ़ाई है। एक सप्ताह का समय एजेंसियों को समय दिया है।
तलाश रहे एजेंसियों को
एनईपी आधारित स्नातक पाठ्यक्रम की अंकसूची के लिए टेंडर निकाला है। स्नातक की वार्षिक और पूरक परीक्षाएं होती है। इसके लिए चार लाख अंकसूची की जरूरत है, लेकिन एजेंसी को यह तीन से चार बार में सप्लाय करने पर जोर दिया है। वैसे स्नातकोत्तर यानी सेमेस्टर प्रणाली वाली परीक्षाओं की अंकसूची विश्वविद्यालय में उपलब्ध है।
- डा. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी