
DAVV Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बीएड की विशेष एटीकेटी में फेल विद्यार्थियों ने सोमवार को फिर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में धरना दिया। उन्होंने उत्तरपुस्तिकाओं को अयोग्य मूल्यांकनकर्ता से जंचवाने का आरोप लगाया। छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में सिर्फ एक या दो नंबर दिए जाने की बात कही। घंटेभर तक चले प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थियों ने कुलपति से लेकर कुलसचिव और अधिकारियों का घेराव कर दिया और दोबारा परीक्षा करवाने की मांग रखी। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगली परीक्षा में इन्हें सम्मिलित करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन लेने पर जोर दिया है। कुलपति के मुताबिक, विभाग को पत्र लिख दिया है।
बीएड चौथे सेमेस्टर में फेल विद्यार्थियों का चयन सरकारी स्कूलों में संविदा के लिए हुआ था। विश्वविद्यालय ने फरवरी में विशेष एटीकेटी परीक्षा करवाई, जिसमें पूरे संभाग से ढाई हजार छात्र-छात्राएं बैठे। 45 दिन में विद्यार्थियों की कापियां जांचकर विश्वविद्यालय ने रिजल्ट जारी किया। करीब एक हजार छात्र-छात्राएं ही उत्तीर्ण हो पाए, जबकि डेढ़ हजार विद्यार्थी फेल हो गए। बीते सप्ताह से विद्यार्थी दोबारा परीक्षा में बैठने की मांग करने लगे हैं। तीन बार विश्वविद्यालय में प्रदर्शन हो चुका है।
सोमवार को युवक कांग्रेस के छात्रनेता जावेद खान के नेतृत्व में 50 से अधिक विद्यार्थी पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए धरना दिया। पहलेे छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष डा. एलके त्रिपाठी विद्यार्थियों से चर्चा करने आए। थोड़ी देर बाद कुलपति डा. रेणु जैन और कुलसचिव अजय वर्मा और डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर भी आई। विद्यार्थियों ने कहा कि विश्वविद्यालय के मूल्यांकनकर्ता निजी कालेजों के छात्र-छात्राओं से भेदभाव करते हैं। विशेष एटीकेटी में भी एक या दो नंबर से फेल कर दिया है। यहां तक कि कुछ विद्यार्थियों को छह से आठ नंबर के बीच दिए हैं, जबकि शिक्षकों ने कई प्रश्न ठीक से जांचे नहीं। काफी देर तक कुलपति विद्यार्थियों को समझाती रही। इस दौरान कुछ विद्यार्थी अपनी समस्या बताते हुए रो पड़े। यह देखकर कुलपति ने इन विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा में बिठाने के लेकर शासन ने मार्गदर्शन मांगा है।
दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए विद्यार्थियों को तीन साल दिए जाते हैं। इन विद्यार्थियों की कोर्स पूरा करने की अवधि पूरी हो चुकी है। ऐसे में इन्हें एक ओर मौका देना थोड़ा मुश्किल है। यही वजह है कि विश्वविद्यालय की परेशानी बढ़ी है। अधिकारियों के मुताबिक, विशेष एटीकेटी भी शासन के निर्देश पर करवाई थी। अब उच्च शिक्षा विभाग की राय पर विद्यार्थियों का भविष्य टिका हुआ है।
डीएवीवी की कुलपति डा. रेणु जैन का कहना है कि परीक्षा में बिठाने को लेकर विद्यार्थियों की मांग के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। उसके आधार पर परीक्षा करवाने का फैसला लिया जाएगा। वैसे भी कोर्स पूरा करने की अवधि खत्म हो चुकी है।