DAVV Indore: कपिल नीले, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। इन्हें माइग्रेशन और प्रोविजनल मार्कशीट के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। जल्द ही घर बैठे छात्र-छात्राओं को ये दस्तावेज मिलेंगे। माइग्रेशन और प्रोविजनल मार्कशीट घर पहुंचने के लिए विश्वविद्यालय ने दोनों सुविधाओं को आनलाइन करने पर जोर दिया है।
दरअसल
विश्वविद्यालय ने माइग्रेशन, प्रोविजनल मार्कशीट, डिग्री, डुप्लीकेट अंकसूची, ट्रांसक्रिप्ट सहित अन्य प्रमाणपत्रों के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा रखी है, लेकिन इन्हें प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय आना पड़ता है। वैसे डिग्री और ट्रांसक्रिप्ट पहले ही विद्यार्थियों के घर व संबंधित संस्थानों के पते पर भिजवाई जाती है। मगर माइग्रेशन और प्रोविजनल मार्कशीट विद्यार्थियों को भौतिक रूप से प्रदान किए जाते हैं।
इसके लिए विद्यार्थियों को बार-बार विश्वविद्यालय के चक्कर लगाना पड़ते है। इससे छात्र-छात्राओं को काफी समय बर्बाद होता है। अब ये दोनों दस्तावेज भी विद्यार्थियों के आनलाइन दिए जाएंगे। घर बैठे इन दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। गुरुवार को रजिस्ट्रार अजय वर्मा-एमपी आनलाइन के बिजनेस हेड अभय कर्ण और विवि के समन्वयक योगेंद्र बावल के बीच चर्चा हुई।
दस्तावेजों को आनलाइन दिए जाने पर एजेंसी राजी है। अधिकारियों ने माइग्रेशन पर डिजिटल हस्ताक्षर करने की बात कहीं। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को एक अधिकारी को अधिकृत करना होगा। यह काम
परीक्षा और गोपनीय विभाग के अधिकारियों से करवाया जाएगा। रजिस्ट्रार वर्मा का कहना है कि माइग्रेशन और प्रोविजनल मार्कशीट की व्यवस्था आनलाइन करने पर विचार हो रहा है। जल्द ही सेवाएं आनलाइन होगी। उसके बाद विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय नहीं आना पड़ेगा।
परीक्षा फार्म से लेकर रिजल्ट आनलाइन
विश्वविद्यालय ने अपनी विभिन्न सेवा और सुविधाएं विद्यार्थियों को आनलाइन देने में लगी है, जिसमें परीक्षा फार्म, परीक्षा फीस, रिजल्ट, रिव्यू-रिवैल्यूएशन, डिग्री, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट, यूटीडी फीस शामिल है। इनसे विश्वविद्यालय को हर साल 150 करोड़ रुपये की कमाई होती है, जिसमें 10 फीसद राशि एजेंसी को बतौर पोर्टल शुल्क देना पड़ता है। डीएवीवी के अलावा एमपी आनलाइन की सेवाएं विक्रम, बरकतउल्ला, जीवाजी सहित प्रदेश की अन्य विश्वविद्यालय लेते है। अधिकारियों के मुताबिक कालेजों को जारी होने वाली संबद्धता के आवेदन भी आनलाइन बुलवाए जा रहे हैं।
राशि रोजाना होती है ट्रांसफर
विश्वविद्यालय की विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन करने पर जो राशि विद्यार्थी एमपी आनलाइन को देते हैं। पहले इस राशि के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को सात-दस दिन का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन 1 अक्टूबर से एमपी आनलाइन ने फंड रोजाना ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है। इसके चलते विश्वविद्यालय को खाते को अपडेट करने में आसानी होगी है।