DAVV अंकसूची में बढ़ा रही सिक्यूरिटी फीचर, कार्यपरिषद में रखेंगे प्रस्ताव
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अब हाई-टेक और फर्जीवाड़े से पूरी तरह सुरक्षित मार्कशीट जारी करने की तैयारी में है। नई मार्कशीट में क्यूआर कोड, विशेष मोनोग्राम, उभरा वाटरमार्क और फाड़-रोधी कागज जैसे चार सुरक्षा फीचर होंगे। यह डिजी-लॉकर और एबीसी से भी जुड़ी होगी, जिससे छात्रों को डिजिटल सुविधा मिलेगी।
Publish Date: Wed, 19 Nov 2025 10:37:10 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Nov 2025 10:37:10 AM (IST)
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय उठाने जा रहा है बड़ा कदम। (फाइल फोटो)HighLights
- नई मार्कशीट में चार उन्नत सुरक्षा फीचर शामिल होंगे।
- क्यूआर कोड से तुरंत मार्कशीट की सत्यता जांची जाएगी।
- डिजी-लॉकर और एबीसी से सीधे लिंक की जाएगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) अब विद्यार्थियों को अत्याधुनिक और पूरी तरह सुरक्षित मार्कशीट देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
डिजिटल युग में फर्जी मार्कशीट की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने और परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय ने मार्कशीट का नया हाई-टेक डिजाइन तैयार कर लिया है। यह मार्कशीट न केवल आकर्षक दिखेगी, बल्कि कई स्तरों की सुरक्षा तकनीक से लैस होगी, जिससे किसी भी प्रकार की जालसाजी लगभग असंभव हो जाएगी।
चार लेयर की सुरक्षा- क्यूआर कोड से लेकर फाड़-रोधी कागज तक
- नई मार्कशीट में चार प्रमुख सुरक्षा फीचर्स क्यूआर कोड, डीएवीवी का खास मोनोग्राम, किनारों पर उभरा हुआ वाटरमार्क और फाड़-रोधी उच्च गुणवत्ता का कागज शामिल किए गए हैं। क्यूआर कोड स्कैन होते ही विद्यार्थी या कोई भी संस्था मार्कशीट की वास्तविक जानकारी तुरंत देख सकेगी, जिससे नकली दस्तावेज तुरंत पकड़े जा सकेंगे।
परीक्षा नियंत्रक अशेष तिवारी के अनुसार इन उन्नत फीचर्स की बदौलत डीएवीवी मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन सकता है, जो नई शिक्षा नीति के अनुरूप पूरी तरह सुरक्षित, डिजिटल मार्कशीट जारी करेगा। डिजिलॉकर और एबीसी से सीधा इंटीग्रेशन
- नई मार्कशीट सीधे डिजी लाकर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) से भी जुड़ी होगी। वर्ष 2020–21 के बाद प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के पास पहले से एबीसी और आयुष्मान आईडी मौजूद हैं, जिन्हें सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा।
- उसके बाद छात्रों को किसी भी दस्तावेज के लिए विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वे कभी भी सत्यापित डिजिटल मार्कशीट डाउनलोड कर सकेंगे।
क्रेडिट सिस्टम के अनुसार पूरी तरह नई मार्कशीट
नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप अब केवल अंक नहीं, बल्कि प्रत्येक विषय के क्रेडिट भी मार्कशीट में दर्शाए जाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने विशेष सॉफ्टवेयर विकसित कर लिया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी परिषद के सामने अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद हाई-क्वालिटी प्रिंटिंग और सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
मार्कशीट की कीमत बढ़ने की संभावना
नई तकनीक और उच्च गुणवत्ता के कागज के उपयोग से मार्कशीट की कीमत में थोड़ा इजाफा हो सकता है, लेकिन विश्वविद्यालय का दावा है कि यह बदलाव विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।