Indore District Hospital: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। तंत्र क्रिया कर जिला अस्पताल परिसर में दफनाए कछुए के शव से जुड़े मामले की जांच वन विभाग ने शुरू कर दी है। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन के सामने वनकर्मियों ने शव खोदकर निकाला। मौके पर पशु चिकित्सक ने परीक्षण किया। मामले में वनकर्मियों ने संदिग्धों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। पंचनामा बनाकर इंदौर रेंज ने डीएफओ को रिपोर्ट सौंप दी।
तीन मई को अस्पताल परिसर में कछुए को दफनाने का वीडियो सामने आया था। इसमें ड्रेसर शेखर जोशी और संजय काकड़े नजर आए थे। मामले में जोशी ने अस्पताल अधीक्षक डा. जीएल सोढ़ी को पत्र लिखकर अवगत कराया। इसके बाद अस्पताल की तरफ से इंदौर वनमंडल के डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी को जानकारी दी गई।
सप्ताहभर बाद रालामंडल अभयारण्य के एसडीओ योहान कटारा को जांच के लिए भेजा गया। उस दौरान कछुए का शव निकलवाकर एसडीओ ने देखा। उसके शरीर पर कुमकुम लगा पाया। कछुए पर पूजा करने से जुड़े प्रमाण भी मिले। अस्पताल में अन्य कर्मचारियों से चर्चा की गई। बाद में ड्रेसर जोशी, एंबुलेंस चालक मालवीय से पूछताछ की।
जय काकड़े की चुनाव में ड्यूटी होने से बयान नहीं हो पाए थे। शनिवार को डिप्टी रेंजर राहुल दातरे, वनकर्मी प्रदीप गिरासे, आशीष कुशवाह जांच करने पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन की मौजूदगी में कछुए के शव को निकाला गया। बाद में ड्रेसर जोशी और काकड़े के बयान लिए।
दोनों ने कहा कि मृत अवस्था में कछुआ मिला था। अस्पताल में संक्रमण न फैल जाए, इस कारण उसे जमीन में दफना दिया था। डीएफओ सोलंकी का कहना है कि कछुए से जुड़े मामले में रिपोर्ट मिल चुकी है।