
इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि
जिला अस्पताल सहित उप स्वास्थ्य केंद्रों में दंत रोगियों का बेहतर इलाज करने के लिए एडवांस डेंटल चेयर नहीं है। अस्पतालों में डॉक्टर सामान्य उपचार कर रहे हैं। किसी मरीज में ओरल कैंसर के लक्षण दिखने पर बायोस्कोपी के सैंपल लेने के भीपर्याप्त उपकरण नहीं हैं। जिला अस्पताल में उपलब्ध स्मॉल डेंटल चेयर में एडवांस ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं है।
केंद्र सरकार नेदंत रोग से परेशान मरीजों को उपचार देने राष्ट्रीय ओरल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत जिन अस्पतालों में दांत के डॉक्टर हैं, उन्हें उपचार के लिए पूरी सुविधा उपलब्ध होना चाहिए। हालांकि कम खर्च में सही व पूरा उपचार देने के लिए बनाया गया यह प्रोग्राम अधूरा नजर आ रहा है। अस्पतालों के डॉक्टर अपने पास उपलब्ध साधनों से इलाज तो कर रहे हैं लेकिन सर्जरी व अन्य काम नहीं कर पा रहे हैं। कुछ डॉक्टर छोटे ऑपरेशन कर रहे हैं लेकिन ये भी पर्याप्त नहीं हैं। मरीजों को गोलियां देकर राहत देने की कोशिश की जाती है। जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बाद अब शासन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दंत चिकित्सक नियुक्त करने की योजना बना रहा है जबकि हकीकत यह हैं कि जहां डॉक्टर उपलब्ध है वहीं पूरी व्यवस्था नहीं है।
जिला अस्पताल में दो दंत चिकित्सक नियुक्त किए गए हैं। वहीं पीसी सेठी अस्पताल और मल्हारगंज अस्पताल में एक-एक डॉक्टर है। इन सभी के पास पुराने उपकरण हैं, जिनसे इलाज किया जा रहा है। हर दांत के लिए अलग एंगल के औजारों की जरूरत होती है जो इन डॉक्टरों के पास उपलब्ध नहीं हैं।
25 से ज्यादा उपकरण
एडवांस डेंटल चेयर में कई तरह के उपकरण आते हैं। इस पर किसी भी तरह की जांच के साथ ऑपरेशन किया जा सकता है। वहीं 25 से अधिक छोटे-बड़े और फोर्स उपकरण होने से डॉक्टर को सुविधा होती है। दांत साफ करने के लिए प्रेशर से पानी आता है। ड्रिल मशीन भी लगी रहती है।
अक्कल दाढ़ निकालने की भी व्यवस्था नहीं
अक्कल दाढ़ निकलते समय दर्द देती है। कुछ केस में तो इसे दर्द निवारक गोलियों और एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक कर दिया जाता है। कुछ में निकालना पड़ता है। उपकरण के अभाव में यह काम भी नहीं हो पाता है। ऐसे में मरीज प्राइवेट अस्पताल या डेंटल कॉलेज पहुंचते हैं।
इन उपकरणों की दरकार
टूथ एक्सट्रेक्शन - दांत उखाड़ने के लिए लगने वाले औजार।
टूथ स्केनिंग - दांत की सफाई के लिए काम आने वाला फोर्स।
दांत की फिलिंग - सड़न से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पेस्ट उपलब्ध नहीं है।
आरसीटी - बगैर दांत उखाड़े खराब दांत का ट्रीटमेंट करने व्यवस्था नहीं।
लोकल फ्लोराइड एप्लीकेशन - बच्चों के दांत सड़ने से बचाने के लिए फ्लोराइड पेस्ट की कमी।
ओरल इंजुरीज - दांत के फ्रेक्चर का उपचार करने की सुविधा।
ओरल कैंसर - बायोस्कोपी के लिए सैंपल लेने वाले उपकरण नहीं।
पत्र नहीं मिला
एडवांस डेटल चेयर लगाई जाना है लेकिन इसे उपलब्ध करवाने कोई पत्र नहीं मिला है। डॉक्टर से बातकर उपकरणों की जानकारी ली जाएगी। चेयर के संबंध में मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
-डॉ. एचएन नायक, सीएमएचओ