नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। झाबुआ में प्रस्तावित मेडिकल कालेज के लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अब फंडिंग जुटाने पर विचार करने लगा है। इसके लिए संस्थाओं की सूची बनाई गई है, जिन्हें नवंबर से संपर्क किया जाएगा। साथ ही कॉलेज के बारे में प्रेजेंटेशन देंगे। इसके लिए कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम बनाने में लगे हैं, जिसमें आठ से दस सदस्य रखे जाएंगे। इन्हें सालभर में इन संस्थाओं से आर्थिक सहायता जुटाना होगी। खास बात यह है कि फंडिंग से आने वाले पैसों को कॉलेज के निर्माण कार्य पर खर्च किया जाएगा।
झाबुआ में विश्वविद्यालय को मेडिकल कॉलेज के लिए शासन की तरफ से 70 एकड़ जमीन मिल गई है, जिसमें क्लासरूम, हॉस्टल, मेस, स्टाफ क्वार्टर, बंगले बनाए जाएंगे। झाबुआ जिला अस्पताल का विस्तार भी किया जाना है। लगभग 100 बेड बढ़ाए जाएंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर एक हजार करोड़ रुपये की डीएवीवी को आवश्यकता है। मगर शासन की तरफ से अभी कोई आर्थिक सहायता व अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है।
इसके चलते अब विश्वविद्यालय ने फंडिंग जुटाने में लगा है। कई संस्थाओं की सूची बनाई है, जो मेडिकल कॉलेज के लिए राशि दे सकेंगे। ऐसे 25 संस्थाओं की सूची रखी है। विश्वविद्यालय ने इनसे करीब 250-300 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। शेष राशि विश्वविद्यालय के फंड से निकाली जाएगी। साथ ही बैंक से भी कर्ज लिया जाएगा।
कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने कहा कि प्रोजेक्ट की 35 फीसद राशि मिलने के बाद ही निर्माण शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। वे कहते हैं कि संस्थाओं में प्रेजेंटेशन देने के लिए समिति बनाएंगे, जिसमें अधिकारी-मेडिकल कॉलेज के जानकारों को रखा जाएगा। नवंबर से संस्थाओं से मिलेंगे।